भोपाल

इन शहरों में एक भी भिखारी नहीं दिखेगा, यह है सरकार की तैयारी

कलेक्टर के निर्देश: राजधानी में बुजुर्ग, महिला और बच्चों सहित करीब पांच हजार भिखारी

भोपालFeb 10, 2024 / 07:45 am

Manish Gite

राजधानी भोपाल जल्द ही भिखारी मुक्त होगी। इसको लेकर प्रशासनिक कसरत शुरू हो चुकी है। सामाजिक न्याय विभाग को इस संबंध में कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने निर्देश जारी किए हैं। इसके अंतर्गत भोपाल के चौक-चौराहों पर नजर आने वाले भिखारी जिसमें काफी बच्चे भी हैं को शामिल करते हुए विभाग विशेष कार्य योजना तैयार करेगा। यह रिपोर्ट अगले 7 दिन में पेश की जानी है।

भिक्षावृत्ति में बच्चे सर्वाधिक संलग्न: राजधानी में ढाई से 3 हजार भिखारी हैं, जिसमें डेढ़ से दो हजार तो पांच से सोलह साल के बच्चे हैं। कलेक्टर ने सामाजिक न्याय विभाग के अलावा शिक्षा और अनुसूचित जाति एवं जनजाति विभाग को जमीन पर उतरकर काम करने के निर्देश दिए।

 

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सरकार ने भिक्षावृत्ति मुक्त भारत का लक्ष्य पूरा करने के लिए कार्ययोजना तैयार कर ली है। इसके तहत भिक्षावृत्तिमें जुटे वयस्कों, महिलाओं, बच्चों के सर्वेक्षण और पुनर्वास के लिए धार्मिक, ऐतिहासिक और पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण 30 शहरों की सूची तैयार की है। इनमें मप्र के 4 शहर हैं। इनमें दो धार्मिक शहर उज्जैन और ओंकारेश्वर हैं। वहीं, पर्यटन स्थलों में सांची-खजुराहो और ऐतिहासिक शहरों में इंदौर को शामिल किया है।

सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्रालय का लक्ष्य 2026 तक इनको भिक्षावृत्ति से मुक्त बनाने में जिला और नगर निगम का सहयोग करना है। इन शहरों में सर्वेक्षण और पुनर्वास के दिशा-निर्देशों की निगरानी सुनिश्चित करने के लिए मंत्रालय फरवरी के मध्य तक राष्ट्रीय पोर्टल और मोबाइल ऐप लॉन्च करेगा। भिक्षावृत्ति करने वालों की पहचान कर जानकारी ऐप पर अपडेट की जाएगी। सर्वेक्षण और पुनर्वास करने के लिए अधिकारियों को आश्रय, कौशल, शिक्षा और पुनर्वास की प्रगति रिपोर्ट मोबाइल ऐप और पोर्टल पर भी अपडेट करनी होगी। सर्वे में समान पैटर्न का पालन होगा।

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