भोपाल

बजरंग दल विवाद : संघ और भाजपा की अचानक बड़ी बैठक, कई बड़े पदाधिकारी हुए शामिल

बजरंगदल विवाद के बाद भाजपा कांग्रेस के बीच छिड़ी जुबानी जंग के बीच बुधवार को भोपाल में संघ और भाजपा के बीच बड़ी बैठक आयोजित की गई है।

भोपालMay 03, 2023 / 08:53 pm

Faiz

बजरंग दल विवाद : संघ और भाजपा की अचानक बड़ी बैठक, कई बड़े पदाधिकारी हुए शामिल

कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की ओर से जारी किए गए घोषणा पत्र में हिंदू संगठन बजरंग दल को बैन करने के वादे के बाद देशभर के साथ साथ मध्य प्रदेश में भी इसपर विवाद गर्माता जा रहा है। एक तरफ जहां भारतीय जनता पार्टी इसे बजरंगबली का अपमान बता रही है साथ ही, भाजपा ने कांग्रेस को बजरंगबली विरोधी मानसिकता का बताते हुए हमलावर है तो वहीं, कांग्रेस इसे हुड़दंगी संगठन बता रहा है। दोनों दलों के बीच छिड़ी जुबानी जंग के दौरान अचानक से बुधवार को राजधानी भोपाल में संघ और भाजपा के बीच बड़ी बैठक आयोजित की गई है। बताया जा रहा है कि, बैठक में कई अहम मुद्दों के साथ साथ बजरंग दल के मामले पर भी चर्चा होने की संभावना है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, संघ और भाजपा पदाधिकारियों के बीच ये बैठक राजधानी भोपाल के समाज सेवा न्यास में चल रही है। बैठक में आरएसएस की ओर से क्षेत्र प्रचारक दीपक विस्फुटे और संघ के बड़े पदाधिकारी मौजूद हैं। वहीं, बीजेपी संगठन से भोपाल संभाग के सभी प्रभारी मंत्री, जिला अध्यक्ष और संगठन मंत्री शामिल हुए हैं। संघ संभागवार बीजेपी के रिपोर्ट कार्ड की समीक्षा कर रहा है। इसमें खासतौर पर भोपाल, रायसेन, विदिशा, सीहोर और राजगढ़ जिले में बीजेपी में मैदानी हकीकत की चर्चा हो रही है। चुनाव में भाजपा का प्रदर्शन कैसे बेहतर किया जाए, इसपर भी चर्चा हुई है।

 

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बैठक में बजरंग दल के मुद्दे पर भी चर्चा

सूत्रों की मानें तो बैठक के दौरान सरकार और संगठन के कामकाज का भी संघ द्वारा फीड बैक लिया गया है। साथ ही, बैठक में बजरंग दल के मुद्दे के मध्य प्रदेश में असर को लेकर भी चर्चा हो रही है। आपको बता दें कि, चुनावी साल में भाजपा के साथ साथ राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ भी सक्रीय हो गया है। इसी की रणनीतियों पर चर्चा करने के लिए लगातार प्रदेश के साथ साथ देश के अन्य चुनावी राज्यों में संघ की बैठकें हो रही हैं।

 

क्या है बजरंग दल विवाद ?

आपको बता दें कि, कर्नाटक में हो रहे विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की ओर से जारी घोषणा पत्र में वादा किया गया है कि, अगर कर्नाटक में कांग्रेस की सरकार बनती है तो राज्य में बजरंग दल को प्रतिबंधित संगठन घोषित किया जाएगा। कांग्रेस के इस घोषमा पत्र ने जहां देशभर में सियासी पारा चढ़ा दिया है तो वहीं, मध्य प्रदेश में भी भाजपा – कांग्रेस के साथ साथ संत भी वार पलटवार करते दिखाई दे रहे हैं।

 

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कांग्रेस विधायक बोले- बजरंगदल का काम सिर्फ हुड़दंग करना

मामले को लेकर मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने कहा है कि, मध्य प्रदेश में बजरंग दल को सरकार का संरक्षण मिल रहा है। बजरंग दल सिर्फ नाम का संगठन है। इनका काम हुड़दंग करना है। बजरंग दल का सिर्फ एक काम थाने पर धरना देना है। जबकि, कोरोना काल के साथ – साथ अन्य देशव्यापी जरूरतों के समय ये संगठन कहीं भी नहीं दिखा।


महामंडलेश्वर ने की लव जिहाद की एंट्री

वहीं, विधायक आरिफ मसूद द्वारा बजरंग दल पर की गई टिप्पणी के बाद महामंडलेश्वर अखिलेश्वरानंद गिरि महाराज ने पलटवार करते हुए कहा है कि, ‘बजरंग दल लव जिहाद रोकने वाला संगठन है। गोवंश की रक्षा करने वाला संगठन है। गौ तस्करों पर निगरानी करने वाला संगठन है। इसलिए कांग्रेस को बजरंग दल खटक रहा है।’ उन्होंने आगे ये भी कहा कि, ये बात और है कि, रचनात्मक कार्य करते हुए कभी कभार हाथापाई के मामले सामने आ जाते हैं, लेकिन बजरंग दल का मूल स्वभाव हिंसक नहीं है। बजरंग दल को कोर्ट राष्ट्रभक्त संगठन बता चुका है। कोर्ट इसे अराजक संगठन नहीं माना।’


कांग्रेस ने किया पलटवार

कांग्रेस विधायक के बयान पर महामंडलेश्वर अखिलेश्वरानंद गिरि द्वारा प्रतिक्रिया देने के बाद कांग्रेस भी एक्शन मोड में आ गई है। कांग्रेस के मीडिया प्रभारी केके मिश्रा ने कहा कि, अगर बजरंग दल लव जिहाद रोक पा रहा है तो बजरंग दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष को शंकराचार्य बना देना चाहिए। बजरंग दल लव जिहाद रोक रहा है तो साधु – संत, मुल्ला – मौलवी की अपीलों का समाज में क्या असर होता है ?

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