शुक्रवार को कुशाभाऊ ठाकरे इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में फाउंडेशन के मुख्य कार्यपालन अधिकारी अनुराग बेहार ने यह बात कही। वे यहां ‘विकास में सहभागिता’ के लिए आयोजित स्वयंसेवी संस्थाओं के सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। बेहार ने बताया कि फाउंडेशन का यह देश में दूसरा विश्वविद्यालय होगा. यहां समाजसेवी शिक्षा पर आधारित कोर्सेस की पढ़ाई कराई जाएगी। अटल बिहारी वाजपेयी सुशासन एवं नीति विश्लेषण संस्थान (एग्पा) ने सम्मेलन आयोजित किया. इस सम्मेलन में स्वयंसेवी संस्थाओं, डोनर एजेंसियों, विकास कार्यों में भागीदार संस्थाओं के प्रतिनिधि मौजूद थे।
सम्मेलन का शुभारंभ मध्यप्रदेश के राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने किया। इस मौके पर उन्होंने गरीबी दूर करने के प्रयासों में स्वयं सेवी संस्थाओं से प्रेरक बनने की अपील की. उन्होंने विकास की विविध भूमिकाओं में गरीबों को जोड़ने की भी बात कही। कार्यक्रम में मध्यप्रदेश के सहकारिता एवं लोक सेवा प्रबंधन मंत्री अरविंद भदौरिया भी उपस्थित थे. उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश सरकार एग्पा के माध्यम से कार्यक्रमों और योजनाओं की जमीनी सच्चाई का विश्लेषण करते हुए काम कर रही है।
इस मौके पर बेन कैपिटल प्राइवेट इक्विटी इंडिया के मुख्य प्रबंध संचालक अमित आर. चंद्रा ने कहा कि मध्यप्रदेश की बड़ी जनसंख्या कृषि पर निर्भर है। इसलिए कृषि उत्पादकता और आमदनी में वृद्धि के नवाचारों के प्रोत्साहन के क्षेत्र में संस्थाओं को आगे आना चाहिए। एग्पा के उपाध्यक्ष सचिन चतुर्वेदी ने सम्मेलन को संबोधित करते हुए बताया कि यहां स्वास्थ्य, शिक्षा, कौशल और समाज सेवा के क्षेत्र में कार्यरत संस्थाओं को आमंत्रित किया गया है. इनकी मदद से सिकल सेल, कुपोषण, मातृ एवं शिशु मृत्यु दर को रोकने की चुनौतियों का सामना करने का प्रयास करेंगे। सम्मेलन में स्वयं सेवी संस्था शिवगंगा झाबुआ के पद्मश्री महेश शर्मा विशेष रूप से उपस्थित थे.