यह पहला मौका है जब इतने लम्बे समय के लिए मॉन्युमेंट्स फ्री किए जा रहे हैं। अभी तक केवल विश्व धरोहर दिवस, विश्व धरोहर सप्ताह, महिला दिवस, विश्व संग्रहालय दिवस पर मॉन्युमेंट्स को फ्री किया जाता था। एएसआई की तर्ज पर ही स्टेट ऑर्कियोलॉजी भी अपने मॉन्युमेंट्स को फ्री करने का प्लान कर रही है। हालांकि अभी तक इसकी कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है। लेकिन अधिकारियों के अनुसार जल्द ही यह घोषणा हो सकती है। राज्य पुरातत्व में गूजरी महल सहित फोर्ट के कर्ण महल, जहांगीर महल सहित कई स्मारक आते हैं।
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एमपी के इन प्रमुख स्मारकों पर 5 से 15 अगस्त नहीं लगेगा शुल्क
-सांची स्तूप
सांची स्तूप एक बौद्ध परिसर है, जो अपने महान स्तूप के लिए प्रसिद्ध है। यह मध्य प्रदेश के रायसेन जिले के सांची टाउन में एक पहाड़ी की चोटी पर स्थित है। महान स्तूप भारत की सबसे पुरानी पत्थर की संरचनाओं में से एक है, और भारतीय वास्तुकला का एक महत्वपूर्ण स्मारक है।
-खजुराहो का ब्रह्मा और हनुमान मंदिर
खजुराहो के ब्रह्मा और हनुमान मंदिर का निर्माण 922 ईस्वी के आसपास किया गया था और यह भगवान ब्रह्मा और हनुमान को समर्पित था। इसकी पूरी संरचना ग्रेनाइट और बलुआ पत्थर से निर्मित है। अपनी अद्भुत मूर्तिकला, डिजाइन और वास्तुकला के कारण यह मंदिर पूरे भारत से लाखों पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है।
-होशंग शाह का मकबरा
होशंग शाह का मकबरा मांडू में निर्मित संगमरमर का निर्माण था। इसे पहले की अवधि में भारतीय उपमहाद्वीप क्षेत्र में अफगान संस्कृति का पहला संगमरमर का निर्माण माना जाता है।
-ग्वालियर का किला
ग्वालियर का किला मध्य प्रदेश के ग्वालियर के पास स्थित एक पहाड़ी किला है। किला कम से कम 10 वीं शताब्दी से अस्तित्व में है। किले को अपने इतिहास में कई अलग-अलग शासकों द्वारा नियंत्रित किया गया है। वर्तमान में किले के अंदर दो मुख्य महल हैं – गुजरी महल और मान मंदिर महल।
-छत्री बाग
छत्री बाग एक लोकप्रिय स्मारक है, जो इंदौर में खान नदी के पास स्थित है। यह स्थापत्य शैली के बेहतरीन उदाहरणों में से एक है। कई स्मारकों में सबसे आकर्षक वह स्मारक है जो होल्कर वंश के संस्थापक मल्हार राव होल्कर प्रथम की स्मृति में है।
-बाज बहादुर पैलेस
यह महल पहाड़ी ढलान पर स्थित है; यह इंदौर शहर से लगभग 95 किमी पश्चिम में है। बाज बहादुर महल राजपूत और मुगल वास्तुकला और शैली का मिश्रण है। महल का नाम शासक बाज बहादुर के नाम पर पड़ा है जो संगीत और कला के शौकीन थे।
-रजवाड़ा
रजवाड़ा एक ऐतिहासिक महल है, जो इंदौर शहर में स्थित है। इसे लगभग दो शताब्दी पहले मराठा साम्राज्य के होल्करों ने बनवाया था। यह सात मंजिला महल छतरियों के पास स्थित है। राजवाड़ा महल शाही भव्यता और स्थापत्य कौशल का एक बेहतरीन उदाहरण है।
-चौसठ योगिनी मंदिर
यह मंदिर भारत के सबसे पुराने विरासत स्थलों में से एक है। यह 64 योगिनियों के साथ देवी दुर्गा को समर्पित है। इस मंदिर का निर्माण 10वीं शताब्दी ईस्वी में कलचुरी साम्राज्य द्वारा किया गया था।
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केंद्रीय मंत्री ने दिया आदेश
इस संबंध में केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन मंत्री जी. किशन रेड्डी ने इस संबंध में बुधवार यानी 3 अगस्त 2022 को ट्वीट करते हुए जानकारी दी है। ये आदेश पांच अगस्त (शुक्रवार) से लागू किया जाएगा। केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय ने कहा कि, पूरे देश में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने संरक्षित सभी स्मारकों और स्थलों में 5 से 15 अगस्त तक मुफ्त प्रवेश किया जा सकेगा। उन्होंने ASI का एक बयान भी साझा किया है।
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