महल में रहते हैं भगवान राम
मध्यप्रदेश के ओरक्षा में राम को भगवान के रूप में नहीं बल्कि राजा के रूप में पूजा जाता है। भगवान राम यहां किसी मंदिर में नहीं बल्कि महल में रहते हैं। ऐसा कहा जाता है कि यहां आज भी भगवान राम को राजा के रूप में गार्ड ऑफ ऑनर दिया जाता है।
मध्यप्रदेश के ओरक्षा में राम को भगवान के रूप में नहीं बल्कि राजा के रूप में पूजा जाता है। भगवान राम यहां किसी मंदिर में नहीं बल्कि महल में रहते हैं। ऐसा कहा जाता है कि यहां आज भी भगवान राम को राजा के रूप में गार्ड ऑफ ऑनर दिया जाता है।
कौशल्या के हाथों की बनाई मूर्ति
ऐसी मान्यता है कि ओरक्षा में भगवान राम की जो मूर्ति है वहां पर है वह भगवान राम की मां कौशल्या के हाथों से बनाई एक मात्र मूर्ति है। मान्यता है कि भगवान राम जब 14 वर्षों के लिए वनवास गए थे तो उनकी मां ने अयोध्या में अपने हाथों से भगवान राम की एक मूर्ति बनाई थी। इस मूर्ति में 14 सालों तक हर दिन वह भगवान राम के दर्शन करती थीं। 14 वर्षों के बाद जब भगवान वनवास पूरा करके आए तो कौशल्या ने यह मूर्ति सरयू नदी में प्रवाहित कर दी थी। यही मूर्ति ओरक्षा में स्थापित है।
मूर्ति कैसे पहुंची ओरक्षा
ऐसी मान्यता है कि ओरक्षा के राजा मधुकरशाह ने अपनी पत्नी गणेश कुंवरि से कहा था कि अगर तुम रामभक्त हो तो राम को ओरक्षा लेकर आओ। राजा की ये बात रानी को बुरी लगी और वो भगवान राम को ओरछा लाने के लिए निकल पड़ीं। रानी अयोध्या गई और सरयू नदी के किनारे कठोर तपस्या कि लेकिन लंबी तपस्य़ा के बाद जब भगवान राम के दर्शन नहीं हुए तो उन्होंने अपने प्राण त्यागने का प्रण किया। रानी सरयू नदी में अपने प्राण देना चाहती थीं तभी भगवान राम ने उनसे कहा कि मैं तीन शर्तों में ही ओरछा चलूंगा।
ऐसी मान्यता है कि ओरक्षा के राजा मधुकरशाह ने अपनी पत्नी गणेश कुंवरि से कहा था कि अगर तुम रामभक्त हो तो राम को ओरक्षा लेकर आओ। राजा की ये बात रानी को बुरी लगी और वो भगवान राम को ओरछा लाने के लिए निकल पड़ीं। रानी अयोध्या गई और सरयू नदी के किनारे कठोर तपस्या कि लेकिन लंबी तपस्य़ा के बाद जब भगवान राम के दर्शन नहीं हुए तो उन्होंने अपने प्राण त्यागने का प्रण किया। रानी सरयू नदी में अपने प्राण देना चाहती थीं तभी भगवान राम ने उनसे कहा कि मैं तीन शर्तों में ही ओरछा चलूंगा।
ये थी भगवान राम की इन शर्तें
ऐसी मान्यता है कि भागवान राम ओरक्षा तीन शर्तों में आए थे।
1. मैं अयोध्या से पुष्प नक्षत्र में ही चलूंगा।
2. एक बार जहां स्थापित हो जाऊंगा फिर वही मेरा आसन होगा
3. मैं ओरक्षा का राजा बनकर रहूंगा।
ऐसी मान्यता है कि भागवान राम ओरक्षा तीन शर्तों में आए थे।
1. मैं अयोध्या से पुष्प नक्षत्र में ही चलूंगा।
2. एक बार जहां स्थापित हो जाऊंगा फिर वही मेरा आसन होगा
3. मैं ओरक्षा का राजा बनकर रहूंगा।
ऐसा कहा जाता है कि भगवान राम ने रानी को अपनी जो मूर्ति दी थी ये वही मूर्ति है जिसे माता कौशल्या ने सरयू नदी में बहाया था। इस मूर्ति को भगवान राम ने रानी गणेश कुंवरि को दी थी।