भोपाल

अतिथि शिक्षक: भर्ती में ऐसे जाने अपनी स्थिति,लगातार आ रही हैं शिकायतें

स्कूलों में शिक्षक न होने से छात्रों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। इससे सरकार के शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने की कवायद ही सवालों के घेरे में है।

भोपालNov 18, 2017 / 04:27 pm

दीपेश तिवारी

भोपाल। मध्यप्रदेश के विभिन्न जिलों में अतिथि शिक्षकों की भर्ती के काफी समय पहले ही आदेश होने के बाद इनके आवेदन की आखिरी तिथि भी खत्म हो चुकी है। इसके साथ ही कई जगहों पर अतिथि शिक्षकों की भर्ती भी जारी है, लेकिन इसके बावजूद कई जगहों से लगातार भर्ती में मनमानी बरतने की शिकायतें भी सामने आने लगी हैं।
नियुक्ति में प्रधानाध्यापकों की मनमानी की सबसे ज्यादा शिकायतें आ रही हैं। जिसके चलते पीड़ित मामलों की जांच कराकर संबंधितों के विरूद्घ कड़ी कार्रवाई करने की मांग भी कर रहे हैं। आरोप है कि कई जिलों के कई स्कूलों में गुणवत्ताहीन और कम प्रतिशत वालों की भर्ती कर ली गई जबकि हाई परसेंट वालों को इस जॉब से दूर रखा गया।
शैक्षणिक सत्र के तीन महीने बाद हाई व हायर सेकंडरी स्कूलों में शिक्षकों की कमी को पूरा करने अतिथि शिक्षकों की आॅफलाइन भर्ती के आदेश भी जारी हो सके हैं। लेकिन इस प्रक्रिया को पूरा होने में अभी एक पखवाड़े का समय लग सकता है।
इतना ही नहीं, प्राइमरी और मिडिल स्कूलों में अतिथि शिक्षक भर्ती फिलहाल आॅनलाइन प्रक्रिया में अटकी है। इधर, स्कूलों में शिक्षक न होने से छात्रों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। इससे सरकार के शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने की कवायद ही सवालों के घेरे में है।
जिले में शिक्षा सत्र शुरू हुए कई महीने बीत चुके हैं। छात्र तिमाही परीक्षा के इम्तिहान से भी गुजर चुके हैं। लेकिन सूत्रों का कहना है कि अब तक प्राइमरी और मिडिल स्कूलों में अब भी शिक्षकों की कमी बनी हुई हैं। इसके कारण स्कूलों में पढ़ाई प्रभावित हो रही है।
अतिशेष प्रक्रिया में भी विसंगती
अध्यापक एवं शिक्षक संघों के नेताओं ने आरोप लगाए कि अतिशेष सूची जारी होने के बाद भी विसंगती के चलते पोस्टिंग नहीं हो सकी है। इसके कारण भी स्कूलों में शिक्षकों की कमी बनी हुई है।
कर्मचारी नेताओं ने आरोप लगाए कि अतिशेष की सूची जारी होने के बाद रिक्त पद वाली ग्रामीण क्षेत्र की शालाओं को शहरी क्षेत्र में दर्शाया गया है, जिससे भी पोस्टिंग नहीं हो पा रही है। क्योंकि, इन पर आपत्ति लगी हुई हैं। बताया जा रहा कि अतिशेष में ज्यादातर प्राइमरी स्कूल के शिक्षक हैं। इसके कारण मिडिल स्कूलों में शिक्षकों की कमी बनी हुई है।
शिक्षकों की कमी वाले स्कूलों में अतिथि शिक्षकों की भर्ती जून माह में ही हो जाना चाहिए थी, जो अब तक नहीं हुई है। सरकार का रवैया शिक्षा को लेकर ठीक नहीं है। इसका खामियाजा बच्चों को भुगतना पड़ रहा है।
– राजमणि दुबे, प्रवक्ता, आजाद अध्यापक संघ

अभी तक अतिथि शिक्षकों की भर्ती नहीं होना दुर्भाग्यपूर्ण है। इसका खामियाजा बच्चों को भुगतना पड़ रहा है। साथ ही अतिथि शिक्षक बनने के लिए आवेदन करने वाले आवेदकों को भी बेरोजगारी का सामना करना पड़ रहा है।
– नरेंद्र भार्गव, जिलाध्यक्ष, राज्य अध्यापक संघ
1. यदि आपने भी किया है आवेदन तो यहां क्लिक कर अपनी स्थिति की जांच करें:

mp education

2. यदि आप अतिथि शिक्षक प्रबंधन प्रणाली के बारे में जानना चाहते हैं, तो यहां क्लिक करें : social—security
 

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