कहा कि एक विषय निकला तो मैंने कहा कि पदनाम से ही विभाग में अतिथि हैं। बाकी प्राथमकिता हम दे सकते हैं। वे हमारे अपने बच्चे हैं। कहीं कोई विसंगति नहीं है। अगर किसी प्रकार की तकलीफ पहुंची है तो खेद व्यक्त करता हूं। मुझे कोई संशय और संकोच नहीं है। साथ ही उन्होंने विपक्ष के इस्तीफे और माफी मांगने के सवाल पर कहा कि विपक्ष के पास कोई काम नहीं है वो सिर्फ संभावनाएं खोजता रहता है।
18 सितंबर 2024 को पहले क्या बोले थे मंत्री
मेहमान बनकर आओगे तो क्या घर पर कब्जा कर लोगे। जहां शिक्षक कम होते हैं वहां अतिथि शिक्षकों की सेवाएं ली जाती हैं। बाकी अतिथि शिक्षकों की चिंता विभाग कर रहा है। उनके हितों की रक्षा सरकार करेगी, लेकिन उपयोगिता भी देखी जाएगी।
अब 21 सितंबर 2024 को बोले खेद व्यक्त करता हूं
अगर मेरी किसी बात से अतिथि शिक्षकों को ठेस पहुंची या बुरा लगा है तो, मैं उस बात के लिए खेद व्यक्त करता हूं।
सियासी तौर पर हो सकता था नुकसान
बेतुके बयान की निंदा पार्टी में दबी जुबान से हो रही थी। वरिष्ठ नेताओं ने बयान को अनुचित बताया। अतिथि शिक्षकों सहित उनके परिवार भी नाराज थे। लिहाजा राजनीतिक रूप से भी पार्टी को नुकसान हो सकता था, इसलिए मंत्री ने खेद जता दिया। मंत्री की शिकायत करने अतिथि शिक्षक केंद्रीय मंत्री सिंधिया के पास भी पहुंचे थे।