भोपाल

Atal Bihari Vajpayee जब दोस्त के घर जाने के लिए अटलजी ने तोड़ दिया पीएम का प्रोटोकॉल

Atal Bihari Vajpayee संकरी गलियों से पैदल ही घर पहुंच गए थे अटलजी
 

भोपालAug 16, 2021 / 11:55 am

deepak deewan

Atal Bihari Vajpayee Atal Bihari Vajpayee Death Anniversary

भोपाल .देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटलबिहारी वाजपेयी की आज पुण्यतिथि है, पूरा देश उन्हें याद कर रहा है। उनका व्यक्तित्व ही कुछ ऐसा था कि वे राजनैतिक शख्सियत से कई गुना ऊपर उठकर देश की धरोहर बन गए। मध्यप्रदेश से उनका खास नाता था, वे ग्वालियर में पले—बढ़े और अपनी राजनीतिक यात्रा में कई सोपान तय करते हुए अंतत: सर्वोच्च पद पर भी जा बैठे।

यूं तो वे दुनियाभर जाने जाते हैं पर मूलत: मध्यप्रदेश के होने के कारण उनमें इस प्रदेश के लिए खासा अपनत्व था। प्रदेश के प्राय: हर जिले से वे परिचित थे और भाजपा नेता के रूप में अधिकांश जगहों पर वे जा भी चुके थे। उनकी अजातशत्रु की सी छवि थी, राजनैतिक विरोधियों के लिए भी वे “परम पूज्य अटलजी” ही बने रहे. दोस्ती निभाने के कई किस्से आज भी कहे—सुने जाते हैं.

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अटलजी की एक ऐसी ही झलक संस्कारधानी जबलपुर में दिखाई दी थी. वे पार्टी के काम से कई बार जबलपुर गए. उनकी राजनैतिक यात्राओं ने भाजपा को एक नया आयाम प्रदान किया था। वाजपेयी के सहयोगियों की संख्या शहर में बढ़ती ही गई। उनके द्वारा रचित कविताएं शहर के कविता प्रेमियों को बेहद प्रिय हैं। जबलपुरवासी अटलजी की उस छवि के भी साक्षी हैं जोकि एक बेहद नेकदिल इंसान के रूप में दुनियाभर में प्रशंसित की जाती है।

संस्कारधानीवासियों की स्मृति में अब भी वे यादें ताजा हैं। सितंबर 1999 को शहर के जाने माने नेता और पूर्व राज्य मंत्री पंडित ओंकार प्रसाद तिवारी का निधन हो गया। इसी दौरान अटलजी का जबलपुर जाना हुआ। जैसे ही उन्हें पं. ओंकार प्रसाद तिवारी के निधन का समाचार मिला तो वे सब कुछ छोड़ कर उनकी अंतिम यात्रा में शामिल होने के लिए चले गए।

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सिक्युरिटी प्रोटोकॉल की तमाम बंदिशोंं को दरकिनार करके संकरी गलियों से होते हुए वे सीधे स्वर्गीय तिवारी के निवास के समीप आयोजित श्रद्धांजलि सभा में पहुंचे। बाद में उन्होंने गैरीसन ग्राउंड में आयोजित सभा में भी पं. तिवारी को श्रद्धांजलि दी। इसमें एक लाख से अधिक लोग शामिल हुए थे। स्व. ओंकार तिवारी से अपनी आत्मीयता का इजहार करते हुए अटलजी ने कहा था, पं. तिवारी के निधन पर मैं दुखी हूं, हमने एक दिलदार और शेर दिल नेता खो दिया है।

पंडित ओंकार तिवारी के पुत्र अनूप तिवारी प्राय: इस घटना का जिक्र करते हुए अटल बिहारी बाजपेई के व्यक्तित्व की महानता को प्रतिपादित करते रहे। अटलजी को जबलपुर से खास लगाव था। उन्होंने कई बार यहां रात्रि विश्राम भी किया। भाजपा नेता पं. भगवतीधर वाजपेयी सहित अनेक मित्रों के घर पर उनका अक्सर आना-जाना रहता था।

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