-पहले धूल व बारिश बड़ी दिक्कत
पड़ताल में सामने आया कि पहले सडक़ पर धूल व पुराने हिस्से की खुदाई के नाम पर डामरीकरण नहीं हुआ अब बारिश का हवाला देकर डामरीकरण का काम रोक दिया गया है। बताया गया कि बारिश के खत्म होने में अभी दो माह है। तब तक लोगों को इसी मार्ग से गुजरना होगा।
इनका कहना
-आजकल डामरीकरण एक किलोमीटर में दो से तीन दिन में हो जाता है। सारा मटेरियल तैयार आता है। उसके हिसाब से बारिश के बीच जब चार से पांच दिन के लिए पानी रुके। इस दौरान भी डामरीकरण किया जा सकता है।
-सुरेश साहू, महामाई का बाग
डामरीकरण का कार्य हमने शुरू तो कर दिया था,लेकिन बारिश होने पर डामर टिक नहीं रहा है। ब्रिज पर अधिक गिट्टिया डालकर कर काम करने से सडक़ पर लोड अधिक बड़ जाएगा। डामर की रोड के लिए पानी सबसे बड़ा दुश्मन है। बारिश के बंद होते ही डामरीकरण व रिनोवेशन किया जाएगा।
-जावेद शकील, ईई, पीडब्ल्यूडी
पड़ताल में सामने आया कि पहले सडक़ पर धूल व पुराने हिस्से की खुदाई के नाम पर डामरीकरण नहीं हुआ अब बारिश का हवाला देकर डामरीकरण का काम रोक दिया गया है। बताया गया कि बारिश के खत्म होने में अभी दो माह है। तब तक लोगों को इसी मार्ग से गुजरना होगा।
इनका कहना
-आजकल डामरीकरण एक किलोमीटर में दो से तीन दिन में हो जाता है। सारा मटेरियल तैयार आता है। उसके हिसाब से बारिश के बीच जब चार से पांच दिन के लिए पानी रुके। इस दौरान भी डामरीकरण किया जा सकता है।
-सुरेश साहू, महामाई का बाग
डामरीकरण का कार्य हमने शुरू तो कर दिया था,लेकिन बारिश होने पर डामर टिक नहीं रहा है। ब्रिज पर अधिक गिट्टिया डालकर कर काम करने से सडक़ पर लोड अधिक बड़ जाएगा। डामर की रोड के लिए पानी सबसे बड़ा दुश्मन है। बारिश के बंद होते ही डामरीकरण व रिनोवेशन किया जाएगा।
-जावेद शकील, ईई, पीडब्ल्यूडी