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सेना पहले ही कर चुकी है जवानों को ये एडवाइज़री जारी
एटीएस इस मामले को आईएसआई से जोड़कर भी देख रही है, क्योंकि इसमें शासन-प्रशासन के साथ साथ कई दिग्गज नाम भी शामिल हैं, जिनका संबंध सरकारी तंत्रों से भी जुड़ा है। इसलिए जांच टीम इस मामले को गंभीरता से ले रही है। क्योंकि, मध्य प्रदेश समेत देशभर में ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं, जिसमें सेना के जवानों को आईएसआई द्वारा हनीट्रैप के जाल में फंसाकर भारतीय सेना की खूफिया जानकारी हासिल करने का प्रयास किया गया था। इस मामले में अब तक थल सेना और वायु सेना के जवानों को हनीट्रेप का शिकार बनाया जा चुका है, जिसे सरहद पार से आईएसआई द्वारा देश की खूफिया जानकारी हासिल करने के उद्देश्य से कमांड किया जा रहा था। हालांकि, मामले को लेकर सेना में कुछ ही दिनों पहले सोशल साइट पर किसी से दोस्ती करने की सख्ती से मनाही की गई है। इसमें खास तौर पर किसी अनजान लड़की की आईडी से आई रिक्वेस्ट को एक्सेप्ट ना करने की सलाह दी गई है। सेना द्वारा जवानों को जारी एडवाइज़री में सोशल मीडिया पर सक्रीय कुछ आईडीज का भी जिक्र किया गया था। कहा गया था कि, अगर इन आईडीज़ से किसी तरह का मेसेज आए, तो तुरंत मुख्यालय को सूचित करें। ये एडवाइज़री जल, थल, वायु तीनो क्षेत्रों के जवानों के लिए जारी की गई थी।
हनीट्रैप के जाल में फंस चुके हैं ये जवान
सेना द्वारा जवानों को इस तरह की एडवाइजरी जारी करने से पहले मध्य प्रदेश समेत देशभर में सेना के कई जवानों को हनीट्रैप का शिकार बनाकर उनसे खूफिया जानकारी की मांग की गई है। कई मामलों में तो आईएसआई काफी हद तक कामयाब भी रही थी। मध्य प्रदेश की बात करें तो, यहां इसी साल 15 मई को सेना के एक जवान को सेंट्रल इंटेलिजेंस एजेंसी और मिलिट्री इंटेलिजेंस की जानकारी के बाद पुलिस की एटीएस टीम ने जासूसी के शक में गिरफ्तार किया था। जवान पर आरोप था कि, वो हनीट्रैप के जाल में फंसकर आर्मी में अपने संपर्कों के जरिये संवेदनशील जानकारी को पाकिस्तान भेज रहा था। इससे पहले राजस्थान के जैसलमेर में भी हनीट्रैप के माया जाल में फंसकर सेना के एक जवान ने देश की खूफिया जानकारी पाकिस्तान को भेजी थीं। उस दौरान भारतीय खूफिया सोर्सेस से ये जानकारी सामने आई थी कि, जिस पाकिस्तानी लेडी एजेंट और सोशल मीडिया पर अनिका चोपड़ा नाम से बनी आईडी द्वारा इंडियन आर्मी के जवान सोमवीर को हनीट्रैप के जाल में फंसाया गया था, उस लेडी एजेंट ने उससे पहले देश के 45 जवानों को हनीट्रैप का शिकार बनाने का प्रयास किया था। इससे पहले, पिछले साल फरवरी में भी वायुसेना के ग्रुप कैप्टन 51 वर्षीय अरुण मारवाहा को पाकिस्तानी एजेंट्स को गोपनीय सूचना और दस्तावेज लीक करने के दोष में गिरफ्तार किया गया था।
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ये है इस ओर जांच का कारण
बता दें कि, पहले ही सेना में सोशल मीडिया के इस्तेमाल पर सख्त गाइडलाइंस हैं, जिसके मुताबिक सेना के जवान सोशल मीडिया पर न वर्दी के साथ कोई फोटो लगा सकते हैं और न ही अपनी पहचान, रैंक, पोस्टिंग और अन्य जानकारियों को भी उजागर कर सकते हैं। इसके बाद जवान सोमवीर के मामले को गंभीरता से लेते हुए भारतीय सेना के खुफिया विभाग ने जवानों के लिए हनीट्रैप से संबंधित एडवाइजरी जारी करते हुए हिदायत दी थी कि, दु्श्मन के संदिग्ध जासूस सेना के अधिकारियों और स्पेशल फोर्सेस के जवानों को निशाना बना रहे हैं। इसलिए खासतौर पर सोशल मीडिया पर सतर्क रहें। फिलहाल, मध्य प्रदेश में हुए हनीट्रैप के इस ताज़ा मामले में एटीएस इन कड़ियों को आईएसआई से जोड़कर भी देख रही है।