सीएम मोहन यादव कर चुके हैं बैठकें
गुजरात कॉपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन (GCMMF) अमूल नाम से अपने डेयरी प्रोडक्ट्स की मार्केटिंग करता है। लोकसभा चुनाव 2024 के पहले सीएम मोहन यादव की अमूल (Amul) और सांची(Sanchi) के टॉप मैनेजमेंट के साथ बैठकें हो चुकी है। ऐसा माना जा रहा कि ये फैसला एमपी के दूध उत्पादकों के हित में लिया जा रहा है। अब ऐसे में 4 जून को लोकसभा चुनाव 2024 का रिजल्ट घोषित होना है। माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद कभी भी इस फैसले पर मुहर लग सकती है।
क्या बढ़ जाएंगे एमपी में दूध के दाम
गुजरात कॉपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन(GCMMF) ने हाल में ही दूध के दामों को 2 रुपए प्रति लीटर तक बढ़ा दिया है। नई दरें 3 जून से प्रभावी हो जाएंगी। अमूल का 64 रुपए लीटर मिलने वाला दूध 66 रुपए हो चुका है। अगर ऐसे में अमूल मध्यप्रदेश के सांची दूध को टेकओवर करता है तो सकता है एमपी में भी सांची दूध के दाम और भी बढ़ सकते हैं। मिल्क प्रोड्यूसर किसानों और पशुपालकों को फायदा पहुंचाने के लिए अमूल-सांची को मर्ज किया जा रहा है। जिससे एमपी के पशुपालकों की आय में बढ़ोत्तरी होगी।
अमूल का टफ कॉम्पटीटर है एमपी का सांची
किसानों का दूध खरीदने में एमपी का सांची काफी ज्यादा आगे है। एमपी में जितना दूध प्रोड्यूस होता है। उसका 50 परसेंट दूध किसानों से खरीदता है। सांची 10 लाख लीटर दूध प्रतिदिन किसानों से खरीदता है और अमूल किसानों से लगभग 4 लाख लीटर दूध खरीदता है।