इसी सब के बीच शुक्रवार को कमलनाथ ने ट्वीट के माध्यम से कहा कि- शिवराज जी कुछ दिन पहले आप मेरा अंत करना चाहते थे और आज आपने मुझे पागल कहा है। पूरी दुनिया देख रही है कि मध्य प्रदेश का मुख्यमंत्री कैसी हरकतें कर रहा है? उसके भीतर की सारी सभ्यता, मर्यादा और संस्कार समाप्त हो चुके हैं। वह सड़क छाप गुंडों की भाषा बोल रहा है।
मुझे अपने अपमान की फिक्र नहीं है। मैं तो पिछले 44 साल से मध्य प्रदेश की जनता की सेवा कर रहा हूं और आखिरी सांस तक करता रहूंगा।
लेकिन मुझे दुख इस बात का है कि मध्य प्रदेश जैसे महान राज्य के मुख्यमंत्री की कुर्सी पर ऐसे कुंठित विचारों वाला व्यक्ति बैठा है। ऐसे व्यक्ति का मुख्यमंत्री होना प्रदेश की 8 करोड़ जनता का अपमान है।
लेकिन मैं आपको भरोसा दिलाता हूं कि आप का षड्यंत्र कामयाब नहीं होगा। शिवराज जी मध्य प्रदेश शांति का टापू था और रहेगा। लेकिन आपने अपने 18 साल के कुशासन में मध्यप्रदेश की शांति भंग कर दी है। जब आप सुबह मीडिया से मुखातिब होकर मुझे गालियां दे रहे थे, तब भी मुख्यमंत्री आवास के बाहर हजारों कर्मचारी आप के विरोध में प्रदर्शन कर रहे थे।
आपने नौजवानों से रोजगार छीन लिया है, किसानों से उपज का सही मूल्य छीन लिया है, बहनों से उनकी सुरक्षा छीन ली है, अल्पसंख्यक, दलित और आदिवासियों से सामाजिक न्याय छीन लिया है, पिछड़ा वर्ग से कांग्रेस का दिया आरक्षण छीन लिया है, सामान्य वर्ग से विकास की संभावनाएं छीन ली हैं। आपने हर वर्ग के जीवन से सुख शांति का हरण कर लिया है। आपने 18 साल में पूरी एक पीढ़ी बर्बाद कर दी है। इतिहास आपको कभी माफ नहीं करेगा।
वहीं सीएम शिवराज की ओर से आए एक ट्वीट में लिखा गया कि- मध्य प्रदेश अमृत कुंभ है, लेकिन कांग्रेस विषकुंभ बन गई है।