पंडित शर्मा का कहना है कि वैशाख मास दान की दृष्टि से विशेष माना गया है। इस पवित्र मास में पूरे महीने अन्न्-जल का दान करना चाहिए। इसके अलावा तृतीया पर घट दान की परंपरा भी है।
अक्षय तृतीया पर स्वर्ण आभूषण खरीदने का विशेष महत्व है। इसके अलावा चांदी, तांबे आदि धातुओं की मूर्ति, पात्र आदि की खरीदी के साथ भूमि, भवन, वाहन, इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पाद, वस्त्र आदि की खरीदी स्थाई समृद्धि का कारक मानी गई है।
भगवान शिव और भगवान विष्णु की आराधना के लिए वैशाख मास सर्वोत्तम माना गया है। इस दौरान शिव मंदिरों में गलंतिका बांधने से भगवान शिव और पितरों की कृपा प्राप्त होती है। वहीं श्रीकृष्ण और विष्णु मंदिरों में चंदन अर्पित करने से भगवान श्री हरि विष्णु और महालक्ष्मी की कृपा होती है।
– व्रत के दिन ब्रह्म मुहूर्त में सोकर उठें।
– घर की सफाई व नित्य कर्म से निवृत्त होकर पवित्र या शुद्ध जल से स्नान करें।
– घर में ही किसी पवित्र स्थान पर भगवान विष्णु की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।
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भगवत्प्रीतिकामनया देवत्रयपूजनमहं करिष्ये। – संकल्प करके भगवान विष्णु को पंचामृत से स्नान कराएं।
– षोडशोपचार विधि से भगवान विष्णु का पूजन करें।
– भगवान विष्णु को सुगंधित पुष्पमाला पहनाएं।
– अगर हो सके तो विष्णु सहस्रनाम का जप करें।
– अंत में तुलसी जल चढ़ा कर भक्तिपूर्वक आरती करनी चाहिए।
– इस दिन उपवास रखें।
18 अप्रैल को परशुराम जन्मोत्सव है, इस दिन को अक्षय तृतीया भी कहा जाता है। शास्त्रों के अनुसार सतयुग और त्रेतायुग का आरंभ इसी दिन से माना जाता है। वैशाख माह की कृष्ण ? पक्ष की एकादशी को मोहिनी एकादशी कहते हैं। यह 26 अप्रैल को मनाई जाएगी। वहीं 28 अप्रैल को नृसिंह जन्मोत्सव और 30 को बुद्ध जयंती मनाई जाएगी।