अक्षय तृतीया हिंदू धर्म का ऐसा पर्व है जिसमें आप कोई भी नया काम शुरू कर सकते हैं। विष्णु भगवान और मां लक्ष्मी को समर्पित इस दिन भगवान विष्णु की पूजा का विशेष महत्व माना जाता है। अक्षय तृतीया का यह पर्व हर साल वैशाख महीने के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। अक्षय’ शब्द का अर्थ होता है कभी खत्म न होने वाला या जिसका कोई क्षय न हो, कोई अंत न हो। इसीलिए अक्षय तृतीया को समृद्धि, आशीर्वाद, खुशहाली और सफलता का पर्व भी माना जाता है। इसलिए माना जाता है कि इस दिन किए गए उपाय फलने वाले माने गए हैं।
पीले फूलों के साथ मंदिर में चढ़ाएं तुलसी
अक्षय तृतीया के दिन आप मंदिर दर्शन के लिए जा रहे हैं, तो भगवान विष्णु को पीले फूलों के साथ तुलसी दल अर्पित करें। ऐसा करने से आपके जीवन में समृद्धि बनी रहेगी और आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।
अक्षय तृतीया के दिन आप मंदिर दर्शन के लिए जा रहे हैं, तो भगवान विष्णु को पीले फूलों के साथ तुलसी दल अर्पित करें। ऐसा करने से आपके जीवन में समृद्धि बनी रहेगी और आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।
इस दिन तुलसी की पूजा जरूर करें
हर दिन तुलसी पूजा का महत्व बताया गया है। लेकिन तुलसी पूजन के लिए अक्षय तृतीया का दिन सबसे खास माना जाता है। इस दिन यदि आप तुलसी की पूजा करते हैं, तो आपके जीवन में आने वाली सारी परेशानियां और मुश्किलें दूर हो जाएंगी।
हर दिन तुलसी पूजा का महत्व बताया गया है। लेकिन तुलसी पूजन के लिए अक्षय तृतीया का दिन सबसे खास माना जाता है। इस दिन यदि आप तुलसी की पूजा करते हैं, तो आपके जीवन में आने वाली सारी परेशानियां और मुश्किलें दूर हो जाएंगी।
तुलसी के गमले पर स्वास्तिक का चिह्न बनाएं
अक्षय तृतीया के दिन आप घर में लगे तुलसी के गमले पर स्वास्तिक का चिह्न बनाएं और इसकी पूजा करें। माना जाता है कि ऐसा करने से आपको विशेष फलों की प्राप्ति होगी।
अक्षय तृतीया के दिन आप घर में लगे तुलसी के गमले पर स्वास्तिक का चिह्न बनाएं और इसकी पूजा करें। माना जाता है कि ऐसा करने से आपको विशेष फलों की प्राप्ति होगी।
विष्णु जी को प्रसाद में चढ़ाएं तुलसी
अक्षय तृतीया के दिन माता लक्ष्मी को प्रसाद में दूध और चावल की खीर अर्पित करें और भगवान विष्णु को दही का चरणामृत अर्पित करें। साथ ही विष्णु जी को प्रसाद अर्पित करते समय उसमें तुलसी की कुछ पत्तियां अवश्य डालें।
अक्षय तृतीया के दिन माता लक्ष्मी को प्रसाद में दूध और चावल की खीर अर्पित करें और भगवान विष्णु को दही का चरणामृत अर्पित करें। साथ ही विष्णु जी को प्रसाद अर्पित करते समय उसमें तुलसी की कुछ पत्तियां अवश्य डालें।