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पसलियों की हड्डी पर शोध
एम्स के मेडिकोलीगल डिपार्टमेंट के पीजी छात्र डॉ. श्रवण जेएस ने इस शोध में सफलता पाई है। डॉ. श्रवण ने बताया कि इसके लिए 125 महिला और 125 पुरुष मरीजों के चेस्ट सीटी स्कैन पर रिसर्च किया गया। इसमें पसलियों को जोड़ने वाली हड्डी (स्टर्नम) को सात भागों में बांट कर उसका माप लिया गया। करीब दो साल तक इन सीटी स्कैन का अध्ययन करने के बाद पता चला कि सात हिस्सों में से तीन हिस्से ऐसे थे, जो महिला और पुरुष में अलग अलग नाप के थे। स्टर्नम की जांच थ्रीडी इमेज बनाकर की गई।
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गर्दन की हड्डियों पर भी शोध
एम्स की डॉ. रासा अनवर भी स्पाइनल कॉर्ड के गर्दन के हिस्से (सर्वाइकल वर्टीब्रा) पर शोध कर रही हैं। इससे शरीर की जानकारी मिल सकेगी। अगले दो साल में अटॉप्सी के दौरान 100 से ज्यादा शवों का एक्स-रे कर सर्वाइकल वर्टीब्ना की लंबाई, चौड़ाई और मोटाई के आधार पर शोध किया जाएगा।
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भोपाल एम्स मेडिकोलीगल विभाग की एचओडी, डॉ. अरनीत अरोरा ने बताया कि इस रिसर्च से ऐसे मामलों में खासा फायदा होगा, जिसमें सबूत के तौर पर सिर्फ कंकाल मिलते हैं। कंकाल मिलने पर उसके महिला या पुरुष होने के साथ ही अब उसके उम्र और अन्य विशेषताओं की जानकारी भी मिल जाएगी।