AIIMS Research: जन्म के बाद मां और बच्चे को जोड़ने वाली गर्भनाल को दो से तीन मिनट के बीच काटना चाहिए। इससे बच्चे को एनीमिया और आयरन की कमी समेत आधा दर्जन समस्याओं से बचाया जा सकता है। यह खुलासा एम्स भोपाल की रिसर्च से हुआ है। विशेषज्ञों के अनुसार बच्चे के जन्म के बाद डॉक्टर सबसे पहले कॉर्ड (गर्भनाल) क्लैंपिंग करते हैं। यह प्रक्रिया 30 सेकंड में हो जाती है। ऐसे में बच्चे को मां के शरीर से मिलने वाला अतिरिक्त पोषण नहीं मिलता। देर से गर्भनाल काटने की प्रक्रिया डिलेड कॉर्ड क्लैंपिंग कहते हैं।
408 बच्चों पर डेढ़ साल चली रिसर्च
शोध 17 माह में पूरा हुआ। इसमें 408 बच्चों को शामिल किया गया। इन बच्चों को चार समूहों में बांटा गया। प्राथमिक परिणाम जन्म के 48 घंटे बाद बच्चों में हीमोग्लोबिन, हेमेटोक्रिट व बिलीरुबिन के स्तर की जांच से सामने आए। उसमें सी समूह के बच्चों के नतीजे सबसे बेहतर थे। डॉ. भूपेश्वरी पटेल ने बताया कि जिन बच्चों की गर्भनाल जन्म के दो से तीन मिनट बाद काटी गई, उनमें सबसे बेहतर नतीजे सामने आए।इस तरह बनाए बच्चों के चार समूह
ए समूह: कॉर्ड क्लैंपिंग एक मिनट से कम समय में की गई। 52 बच्चे शामिल। बी समूह: कॉर्ड क्लैंपिंग 1 से 2 मिनट में की। 137 बच्चे शामिल। सी समूह: कॉर्ड क्लैंपिंग दो से तीन मिनट के बीच में की गई। 155 बच्चे शामिल। डी समूह: कॉर्ड क्लैंपिंग 3 मिनट बाद की गई। 64 बच्चे शामिल।