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30 फीसदी तक बढ़ी समस्या
एम्स(Bhopal AIIMS) नेत्र रोग विभाग की एडिशनल प्रोफेसर डॉ. प्रीति सिंह ने बताया कि बाहर खेलने के दौरान दूर की चीजें देखते थे। अब बच्चे ज्यादातर वक्त मोबाइल स्क्रीन के सामने बीत रहा है। करीब आठ हजार पेशेंट्स डाटा की स्टडी से सामने आया कि 10 सालों में भोपाल में मायोपिया की समस्या 30 फीसदी तक बढ़ी है। पांच जिलों के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूल जाने वाले बच्चों का सर्वेक्षण किया जाएगा। इस सर्वेक्षण के आधार पर एक एआइ आधारित डिजिटल एप विकसित किया जाएगा, जो मायोपिया की स्पीड का आकलन करेगा। यानी बताएगा कि किस रफ्तार से आंखें कमजोर हो रही हैं। बचाव के लिए क्या उपाय हो सकते हैं।