ऐसे भरेंगे रिक्त पद…
इसके लिए विभागीय तौर पर परीक्षा ली जाएगी। इस परीक्षा को जून में प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड (पीईबी) आयोजित करेगा। सरकार ने इसके लिए आयुसीमा में पांच साल की छूट दे दी है, ताकि ज्यादा से ज्यादा कर्मचारी इस परीक्षा में शामिल हो सकें।
जिसके बाद अब 50 साल तक के कर्मचारी इस परीक्षा में हिस्सा ले सकेंगे। इस प्रक्रिया के जरिए सीधे डेढ़ सौ से ज्यादा पदों पर नायब तहसीलदार के पद भरे जाएंगे। पटवारी भर्ती के बाद राजस्व प्रशासन को चुस्त-दुरुस्त करने सरकार ने यह बड़ा फैसला किया है।
यह आएगा परीक्षा में…
सरकार ने विभागीय परीक्षा लेकर नायब तहसीलदार के पदों को भरने के लिए पटवारी, राजस्व निरीक्षक, कमिश्नर, कलेक्टर, भू-अभिलेख और राजस्व मंडल के लिपिकों को सीधे पदोन्न्त करने का फैसला किया है।
राजस्व विभाग ने विभागीय परीक्षा के माध्यम से भरे जाने वाले लगभग 160 नायब तहसीलदार के पदों के लिए परीक्षा कराने का फैसला किया है। परीक्षा में विभागीय ज्ञान के अलावा सामान्य ज्ञान, अंग्रेजी और कम्प्यूटर ज्ञान की परीक्षा होगी।
जानकारी के अनुसार विभागीय परीक्षा के माध्यम से 20 वर्ष पहले राजस्व निरीक्षक, पटवारी और संभागायुक्त व कलेक्टर कार्यालय के लिपिकों को नायब तहसीलदार बनाया गया था। दरअसल कई विभागों में विभागीय परीक्षा के द्वारा प्रमोशन पाने का मौक़ा मिलता है। वहीं लंबे समय से राजस्व विभाग में विभागीय परीक्षा न होने को लेकर कर्मचारियों में सरकार के प्रति नाराजगी थी।
इनके द्वारा पिछली बार किए गए आंदोलन के समय भी यह मुद्दा खास था। उस समय इसे देखते हुए अधिकारियों ने संगठन पदाधिकारियों को आश्वासन दिया था कि जल्द ही विभागीय परीक्षा करके निचले अमले को नायब तहसीलदार बनाया जाएगा।
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अगर आप अकाउंट ऑफिसर बनना चाहते हैं तो 22 मई तक आवेदन कर सकते हैं। आवेदक वेबसाइट पर जाएं और ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया पूरी करें। आप वेबसाइट www.mppgcl.mp.gov.in पर जाकर आवेदन कर सकते हैं।
जरूरी जानकारी:
पद का विवरण: अकाउंट ऑफिसर
कुल पद जिनके लिए होनी है भर्ती : 16
शैक्षणिक योग्यता: आईसीएआई से चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए)
आयु सीमा : 21 से 28 वर्ष
अंतिम तिथि: 22 मई, 2018 इधर, महापंचायत निरस्त, कर्मचारी नाराज…
वहीं दूसरी ओर शुक्रवार को संविदा कर्मचारी संघ में दो फाड़ जैसी स्थिति उस समय उत्पन्न हो गई, जब सीएम आवास पहुंचे कर्मचारियों को पुलिस ने बाहर से भगा दिया वहीं कुछ कर्मचारी संघ के लोगों को ही अंदर जाने दिया गया।
दरअसल जानकारों के अनुसार चुनावी माहौल को देखते हुए राज्य सरकार इन दिनों हर कर्मचारी संघ को मनाने में जुटी हैं। आए दिन कर्मचारी-अधिकारियों के लिए घोषणाएं हो रहीं हैं। इसी बीच प्रदेश के अधिकारी-कर्मचारी संघों की मांगों को पूरा करने के ऐलान के लिए 11 मई को संविदा महापंचायत बुलाई गई थी, लेकिन संविदा कर्मचारी-अधिकारी संघों के नेताओं में फूट व संविदा नियमों में मांग अनुसार संशोधन नहीं होने की वजह से निरस्त हो गई है।
मुख्यमंत्री
शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को पौने ग्यारह बजे से अपने निवास पर संविदा कर्मचारी प्रतिनिधियों को चर्चा के लिए बुलाया था। वहीं कई संगठन सीएम से मिलने पहुंचे।
सुरक्षा बलों से झड़प:बताया गया कि सीएम हाउस पर तैनात सुरक्षा बलों से कुछ संविदा संघ के कर्मचारियों की झड़प भी हुई। जिसके बाद में पुलिस ने कर्मचारी नेताओं को भगाया। इस दौरान सिर्फ सरकार को समर्थित भारतीय मजदूर संघ के पदाधिकारियों को ही सीएम निवास मेंं प्रवेश मिला। वहीं इसे लेकर संविदा कर्मचारियों संघों के अन्य नेताओं ने नाराजगी जताई।
सूत्रों के अनुसार इसके बाद विभिन्न कर्मचारी संघों की मांगों को लेकर मजूदर संघ सरकार से मध्यस्थता करने में जुटा है। हालाकि अभी महापंचायत की नई तिथि का एलान नहीं हुआ है।