सौभाग्य का प्रतीक माना जाने वाला यह व्रत पर्व आज सुहागिन अखंड सौभाग्य के लिए तो कुंवारी कन्याएं शिव स्वरूप पति पाने के लिए करती हैं।
रेत के शिव-पार्वती का पूजन
आपको बताते चलें कि हरतालिका तीज का पर्व रविवार से ही शुरू हो चुका था। सुहागिन महिलाओं ने और कुंवारी कन्याओं ने सूरज निकलने से पहले यानि भोर में ही नित्य कर्म से निवृत्त होकर, स्नान ध्यान कर शिव और माता गौरी का पूजन कर व्रत का संकल्प लिया। सोमवार को इन सभी महिलाओं और और कन्याओं ने रेत से शिव-पर्वती बनाकर उनकी स्थापना की तैयारी शुरू कर दी है। ज्योतिषाचार्य पंडित जगदीश शर्मा कहते हैं कि व्रत के पारण का समय 19 सितंबर को दोपहर 1 बजकर 14 मिनट से है। व्रत में महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं। इस व्रत में 24 घंटे निर्जला रहा जाता है। शाम के समय सोलह शृंगार कर व्रतधारी महिलाएं शिव-पार्वती की स्थापना कर दीप प्रज्ज्वलित करती हैं। माता पार्वती को सुहाग की सामग्री अर्पित की जाती है। इस पूजन में व्रत के नीति-नियमों का पालन करते हुए सुहागिन महिलाएं सुखी दांपत्य जीवन की कामना करेंगी।
रातजगा कार्यक्रम आज
हरतालिका तीज के इस अवसर पर आज शहर में कई कॉलोनियों और मोहल्लों में रतजगा कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। यानी पूरी रात शिवमय होगी, पार्वती संग होंगी और मंदिर भी रातभर शिव-पार्वती के भजनों से गूंजते रहेंगे।
घर-घर में पहुंचेंगे गणेश, जानें गणेश चतुर्थी शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार, 18 सितंबर 2023 के दिन गणेश चतुर्थी की शुरुआत दोपहर के समय 2 बजकर 09 मिनट पर होगी, जो 19 सितंबर के दिन दोपहर के 3 बजकर 13 मिनट तक रहने वाली है।
गणेश मूर्ति स्थापना मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार, 19 सितंबर 2023 के दिन सुबह 11 बजकर 8 मिनट से दोपहर 1 बजकर 33 मिनट तक गणेश जी की मूर्ति स्थापित करने का शुभ मुहूर्त रहेगा। वहीं, ठीक 10 दिनों के बाद विसर्जन किया जाएगा।
1. मूर्ति स्थापना के लिए लाल या पीला वस्त्र
2. लकड़ी का पटरा
3. गणेश जी के लिए वस्त्र
4. घी का दीपक
5. शमी पत्ता
6. गंगाजल
7. पंचामृत
8. सुपारी
9. जनेऊ
10. लड्डू
11. चंदन
12. अक्षत
13. धूप
14. फल
15. फूल
13. दूर्वा
यदि आप घर पर गणेश जी की स्थापना करने वाले हैं, तब आपको ध्यान ये रखना है कि बप्पा को अकेला छोड़कर ना जाएं। वहीं नियमित तौर पर सुबह शाम उनकी उपासना करें। रोजाना नियमित तौर पर गणेश पूजन में गणेश जी को सबसे प्रिय दूर्वा, मोदक, रोली, सिंदूर, फूल, धूप, दीया आदि अर्पित करते रहें… श्रद्धा-भक्ति बनाए रखें…गजानन जी खुश रहेंगे।