पटवारी ने कहा कि जब अदाणी पर अमरीका में एफआइआर हो सकती है तो हमारे देश में क्यों नहीं। शिवराज सरकार के दौरान अदाणी ने 80 हजार करोड़ रुपए निवेश के वादे किए थे। एमपी में चल रहे अदाणी के प्रोजेक्ट की भी जांच होनी चाहिए।
अदाणी-मोदी सरकार का चोली-दामन का रिश्ता
जितेंद्र भंवर सिंह ने कहा है कि बिजली कंपनियों में भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं। अधिकारियों ने कब कितना पैसा लिया, इसका पूरा खुलासा एफबीआई ने किया है। जितेंद्र भंवर सिंह ने आगे कहा कि अदाणी और मोदी सरकार का चोली-दामन का रिश्ता है।सारे फायदे अदाणी और उनके सहयोगियों को
सारे फायदे वाले काम अदाणी और उनके सहयोगियों को दिए जा रहे हैं। रक्षा संबंधी सौदे से जुड़े काम हों या फिर मुंबई के धारावी में एक लाख करोड़ की जमीन। देश के सारे बड़े काम अदाणी को दिए जा रहे हैं। इतने बड़े मामले सामने आने के बाद ही ईडी, सीबीआई, इनकम टैक्स को कुछ दिखाई नहीं दे रहा है।बदल गया है मोदी सरकार का नारा- जीतू पटवारी
पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने कहा कि बीजेपी के नेता हमेशा अदाणी का बचाव करते रहे हैं। भाजपा सरकार हम दो हमारे दो वाली नीति पर चल रही है। इनके खिलाफ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर केस दर्ज हुए हैं वह सब नरेंद्र मोदी के दोस्त हैं। पटवारी ने कहा कि 2234 करोड़ की रिश्वत ऊर्जा विभाग के अफसरों को दी गई है। बहुत हुआ भ्रष्टाचार अबकी बार मोदी सरकार का नारा अब खूब करो भ्रष्टाचार चल रही मोदी सरकार में बदल गया है।देश नहीं बिकने दूंगा उनका नारा अब अदाणी के लिए होगा
जीतू पटवारी ने आगे कहा कि अदाणी ने मीडिया से लेकर सरकारी संस्थानों पर अलग-अलग तरीके से कब्जा जमाया है। न्यूयॉर्क टाइम्स के लेख में अदाणी पर लगे आरोपों का खुलासा किया गया है। जीतू पटवारी ने कहा कि अदाणी पर अमरीका में कार्रवाई हो सकती है तो, उनके खिलाफ भारत में कार्रवाई क्यों नहीं हो सकती? पटवारी बोले, मोदी जी नारा लगाते हैं, देश नहीं बिकने दूंगा उनका नारा अब अदाणी के लिए होगा कि देश नहीं छूटने दूंगा।10 साल में 7 गुना तक बढ़े बिजली के दाम
जीतू ने भाजपा पर आरोप लगाया कि 10 साल में साढ़े 16 लाख करोड़ की कर्ज माफी और फायदा अदाणी को दिया गया है। देश में बिजली की कीमत 10 साल में 5 से 7 गुना बढ़ी है। उसके पीछे षड्यंत्र है। ये भी पढे़ं: मध्य प्रदेश में अब घर और भी सस्ते, पीएम आवास योजना 2.0 होगी शुरू, किन्हें और कैसे मिलेगा लाभ ये भी पढ़ें: विजयपुर सीट पर कांटे की टक्कर तो, बुधनी में मतों के अंतर पर नजर