नवाबों के समय में शादियों में पानदान दिया जाता था, जो परंपरा लंबे समय तक कायम रही। इसमें सुपारी, जर्दा, कत्था, चूना, पान तक रहता था। चौक, इतवारा, शाहजहांनाबाद, बुधवारा, मंगलवारा, लखेरापुरा, मारवाड़ी रोड, इब्राहिमपुरा, नदीम रोड, दयानंद चौक, जनकपुरी, काजीपुरा, कायस्त पुरा, मालीपुरा, अलीगंज में गली-गली पान दुकानें होती थीं, जो आज भी हैं। काफी महिलाएं बटुए में कटी हुई सुपारी, चूना लेकर चलती थीं। लेकिन अधिक मुनाफे के लालच में कुछ लोगों ने मिलावट शुरू कर दी।
खाद्य विभाग भोपाल के अफसरों के अनुसार कटे पाम बीज में बाहर सफेद कलर की धारी होती है, जबकि कटी सुपारी में अंदर की तरफ सफेद कलर। दूसरी पहचान ये कि पाम को काटने पर तीखा कर्व आता है, सुपारी में ऐसे कोई कर्व नहीं होते। पाम बीज खाने योग्य नहीं होता।
पान सुपारी में कुछ व्यापारी पाम बीज की मिलावट कर रहे हैं, पुष्टि सैंपल की रिपोर्ट से हुई है। जुर्माना किया है, मिलावट लगता है या हो रही है तो टोल फ्री नंबर पर सूचना दे सकते हैं।
– देवेंद्र दुबे, मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी
मोहन कुमार नेमा, ओल्ड कबाड़खाना से विभाग के अफसरों ने सैंपल जांच के लिए राज्य स्तरीय लैब में भेजे थे। पाम बीज की मिलावट पर एडीएम कोर्ट द्वारा 25 हजार का जुर्माना लगाया है।
अगर सुपारी में मिलावट मिले तो तत्काल इसकी सूचना विभाग के टोल फ्री नंबर 1800112100 और सीएम हेल्पलाइन नंबर 181 पर कर सकते हैं। एडीएम कोर्ट की तरफ से सुपारी के मामले में 25 हजार रुपए जुर्माना भी लगाया है।