वहीं आयोग ने सोमवार को मामले की सुनवाई करते हुए डीजीपी मप्र को सख्त लहजे में निर्देश दिए हैं कि इस मामले की जांच करने वाली डॉक्टरों की टीम के साथ एेसे वरिष्ठ पुलिस अफसर को भेजा जाए जो एडीजी मिश्रा की रैंक से वरिष्ठ हो। मिश्रा से वरिष्ठता में स्पेशल डीजी और डीजीपी ही है।
आयोग के निर्देशानुसार अब स्पेशल डीजी की उपस्थिति में मिश्रा के घर डॉक्टरों की टीम जाएगी। आयोग ने डीजीपी को दोबारा निर्देश दिया है कि मिश्रा के पिता के मामले की जांच कर 26 मार्च तक अवगत कराया जाए। आयोग में इस मामले की अगली सुनवाई 26 मार्च को होगी।
घर में प्रवेश कराना पुलिस की जिम्मेदारी आयोग का कहना है कि हाइकोर्ट ने शशिमणि मिश्रा-आरके मिश्रा की याचिका पर न तो स्टे दिया और न ही मानवाधिकार आयोग की कार्रवाई पर रोक लगाई है। इसके बाद आयोग ने डीजीपी से कहा है कि एडीजी से वरिष्ठ रैंक के अफसर के नेतृत्व में पूर्व में गठित एलोपैथी और आयुर्वेदिक चिकित्सकों की टीम पुलिस अधिकारियों के साथ मिश्रा के घर डी-7, 74 बंगला भेजकर जांच कराएं।
आयोग ने यह भी स्पष्ट किया है कि अब एडीजी मिश्रा के पिता की जांच बंगले के अंदर प्रवेश कराकर कराएं। यह जिम्मेदारी पुलिस की होगी। इसके पहले आयोग ने नरम रुख अपनाते हुए डीजीपी को 10 दिन में रिपोर्ट भेजने के लिए कहा था, लेकिन ११ मार्च तक जांच रिपोर्ट नहीं मिली।
मुख्य सचिव को भी भेजा कार्रवाई विवरण
आयोग ने डीजीपी को दिए गए निर्देश और आयोग द्वारा कुलामणि मिश्रा के मामले में की जा रही कार्रवाई मुख्य सचिव मप्र शासन, प्रमुख सचिव गृह, भोपाल संभागायुक्त व कलेक्टर को भी भेजी हैं। आयोग का मानना है कि यह एहतियात के तौर पर सूचना दी गई है ताकि आगे की कार्रवाही में कोई बाधा न आए।
आयोग ने डीजीपी को दिए गए निर्देश और आयोग द्वारा कुलामणि मिश्रा के मामले में की जा रही कार्रवाई मुख्य सचिव मप्र शासन, प्रमुख सचिव गृह, भोपाल संभागायुक्त व कलेक्टर को भी भेजी हैं। आयोग का मानना है कि यह एहतियात के तौर पर सूचना दी गई है ताकि आगे की कार्रवाही में कोई बाधा न आए।
दो महीने से चल रहा मामला एडीजी के पिता कुलामणि मिश्रा को 14 जनवरी 2019 को डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया था। इसके बाद से ही मिश्रा का कहना है कि उनके पिता जीवित है। इसकी पुष्टि और जांच के लिए आयोग के निर्देश पर दो बार पुलिस टीम मौके पर पहुंची, लेकिन मिश्रा ने घर के अंदर नहीं जाने दिया। डॉक्टरों की टीम बनाकर भेजी गई, लेकिन इसे भी मिश्रा ने प्रवेश नहीं दिया।