सागर के खुरई रोड स्थित bhagyoday tirth sagar (भाग्योदय तीर्थ परिसर) में एक एकड़ में लाल और पीले पत्थरों से दुनिया का सबसे बड़ा चतुर्मुखी जैन मंदिर बन रहा है। मंदिर में चारों ओर से प्रवेश किया जा सकेगा। 94 फीट ऊंची सीढिय़ां होंगी, जो ऊंचाई की तरफ कम होती जाएंगी। इससे यह भी नहीं पता चलेगा कि आप किस तरफ से आए। शिखर सहित मंदिर की ऊंचाई 216 फीट होगी। चारों दिशाओं में हाथी की मूर्तियां ऐसे लगेंगी कि मंदिर उनकी पीठ पर रखा है। 2016 में मंदिर की घोषणा हुई, 2017 में भूमिपूजन हुआ। 2025 तक निर्माण पूरा करने में 250 मजदूर दिन-रात लगे हैं। तीन खंड में बनने वाले मंदिर में हर खंड पर 168 पिलर और 108 मूर्तियां होंगी। पहले खंड की ऊंचाई प्लेटफॉर्म से 40 फीट है। 45 फीट का गर्भगृह होगा, जिसमें 8 मंडप होंगे। मंदिर की बाउंड्री पर 240 पत्थर लगेंगे। जिन पर जैन धर्म का इतिहास, 24 तीर्थंकरों का परिचय और आचार्य श्री की जानकारी दर्शाएंगे। मंदिर में साढ़े 10 लाख घन फीट पत्थर लगेगा।
मां नर्मदा के उद्गम स्थल AmarKantak में दुनिया के सबसे बड़े अष्टधातु मंदिरों में एक sarvodaya jain Temple Amarkantak चार एकड़ भूमि में फैला है। भगवान आदिनाथ की 24 फीट ऊंची 24 हजार किलो वजनी अष्टधातु और 17 हजार किलो अष्टधातु की कमल आसनी पर विराजित विश्व की सबसे वजनी प्रतिमा है। 2006 में स्थापित प्रतिमा की ढलाई उन्नाव और कमल आसन अहमदाबाद में ढलवाया। मंदिर की ऊंचाई 151 फीट, चौड़ाई 125 फीट तथा लंबाई 490 फीट है। 23 अप्रैल 2007 को तत्कालीन उपराष्ट्रपति भैरोसिंह शेखावत ने शिलान्यास किया, तब 60 करोड़ रुपए की लागत का अनुमान था। 144 फीट ऊंचा गुंबद होगा। मंदिर का सिंहद्वार 51 फीट ऊंचा 42 फीट लंबा है। राजस्थान के गुलाबी पत्थर से 300 से ज्यादा कारीगर 20 वर्षों से काम कर रहे हैं। ट्रस्ट के चिन्नू जैन ने बताया कि मंदिर का ज्यादातर काम हो चुका है, आचार्यश्री का संकेत मिलते ही अप्रैल में panchkalayana gajrath mahotsav की संभावना है।
भगवान शीतलनाथ के चार कल्याणकों से सुशोभित Vidisha में समवशरण मंदिर आकार ले रहा है। sheetal dham vidisha Trust के अध्यक्ष वसंत जैन के अनुसार यह मैदान पर बनने वाला देश का सबसे ऊंचा 135 फीट का जैन मंदिर होगा। मंदिर में 72 प्रतिमाएं होंगी, जिसमें कल्पवृक्ष पर चारों ओर शीतलनाथजी की चार बड़ी प्रतिमाएं होंगी। अभी तीसरी मंजिल का निर्माण शुरू हुआ है। अब तक 65 फीट से ज्यादा का निर्माण हो गया, जिसे 2023 में पूरा करने का लक्ष्य है। समवशरण मंदिर के पास 126 फीट ऊंचा सहस्त्रकूट जिनालय भी बन रहा है। 2008 में आचार्यश्री के सान्निध्य में भूमिपूजन हुआ, 2014 के चातुर्मास में कार्य शुरू हुआ।
भोपाल के HABIBGANJ में पंच बालयती, त्रिकाल चौबीसी, सहस्त्रकूट जिनालय देश का पहला पांच मंजिला और पीले पत्थरों से निर्मित जैन मंदिर होगा। मंदिर परिसर में ही आधुनिक संसाधनों से युक्त अस्पताल, छात्रावास, ग्रंथालय, संत निवास, धर्मसभा के लिए विशाल हॉल और 250 कारों की कवर्ड पार्किंग होगी। दो एकड़ स्थान में 21 हजार वर्ग फीट में Adinath Jain Temple का निर्माण दिन-रात चल रहा है। 101 फीट (शिखर छोड़कर) की ऊंचाई वाले मंदिर की बुनियाद 17 फीट है। 50 करोड़ की लागत से बन रहे मंदिर में जैसलमेर का पीला पत्थर लग रहा है। 1008 जिन प्रतिमाएं बड़े स्वरूप में स्थापित होंगी।
Tikamgarh जिला मुख्यालय से 45 किमी दूर झांसी मार्ग पर अतिशय क्षेत्र बंधा में 200 करोड़ रुपए से देश का पहला रजत मंदिर बना रहा है। मंदिर में 24 तीर्थंकरों की 25 इंच ऊंची 2-2 क्विंटल की चांदी की प्रतिमा लगेंगी। एक प्रतिमा की लागत 1.32 करोड़ रुपए से ज्यादा होगी। मंदिर का निर्माण जैसलमेर के पीले पत्थरों से होगा, ये पत्थर सोने जैसी चमक रखते हैं। इसका शिलान्यास 18 नवंबर 2018 को हुआ, जिसे 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य है। मंदिर के सामने सहस्त्रकूट जिनालय भी होगा, जिसमें 1008 श्रीजी की प्रतिमाएं विराजित होंगी।
जबलपुर : तिलवाराघाट में 238 फुट ऊंचा मंदिर
संस्कारधानी जबलपुर के तिलवाराघाट स्थित Shri Digamber Jain Mandir Dayodaya Tirth दयोदय आश्रम परिसर में 238 फुट ऊंचा मन्दिर का निर्माण की ड्राइंग डिजाइन तैयार हो गई है। आचार्यश्री के 2021 में चातुर्मास के दौरान मंदिर निर्माण की रूपरेखा बनी। तकनीकी अड़चनों के चलते कार्य शुरू नहीं हो पाया। करीब 450 करोड़ रुपए की लागत वाले पत्थर के इस मंदिर का निर्माण कार्य सोमपुरा बंधुओं के निर्देशन में होगा।
इंदौर के रेवती रेंज स्थित Pratibhasthali परिसर में सहस्त्रकूट 126 फीट ऊंचा जिनालय बनेगा। इसका निर्माण Jaisalmer के पत्थरों से होगा। सिद्धभगवान और धातु की 1008 प्रतिमाएं होंगी। यहां सर्वत्रोभद्र मंदिर भी बनेगा। 225 फीट ऊंचे तीन मंजिले मंदिर में धातु की 324 प्रतिमाएं विराजित होंगी। इसी परिसर में ज्ञानोदय विद्यापीठ का निर्माण होगा, जिसमें 1600 छात्राओं के लिए पढऩे की व्यवस्था होगी।
तेंदूखेड़ा मंदिर दमोह
दमोह जिले के Tendukheda में 2016 से सफेद संगमरमर से भगवान Parshwnath का प्रदेश का एकलौता मंदिर बन रहा है। गर्भगृह और दूसरे तल में 24 स्तंभ होंगे। तीन शिखर पर कलशों की स्थापना होगी। 16 अक्टूबर 2015 को जिनालय का भूमिपूजन हुआ। पुराने पारसनाथ मंदिर एवं महावीर मंदिर के समोशरण को एक मंदिर में विराजमान करने का निर्णय लिया। प्रथम तल पर तीन वेदी होंगी। इसमें साढ़े सात फीट ऊंची मूलनायक पारसनाथजी की प्रतिमाएं विराजित होंगी। द्वितीय तल में पंचबालयती प्रतिमाओं के दोनों ओर पुराने जिनालय का समोशरण विराजित होगा।
BHOPAL के साउथ टीटी नगर क्षेत्र में 73 साल पुराना टीन शेड का प्रसिद्ध जैन मंदिर का पुनर्निर्माण किया जा रहा है। नागर शैली में तीन मंजिला मंदिर 12 करोड़ से बनकर तैयार होगा। मंदिर समिति के अध्यक्ष अमर जैन ने बताया कि इस तिमंजिला मंदिर में महावीर भगवान की 11 फीट ऊंची पदमासन प्रतिमा विराजमान रहेगी। दूसरी मंजिल पर तीन वेदियां रहेंगी। 1965 में बने प्राचीन मंदिर की ऊंचाई 35 फीट थी, जो Reconstitution के बाद 121 फीट होगी।
पारसनाथ जैन मंदिर गोपालगंज सागर
लागत : करीब 70 करोड़
रामपुरा जैन मंदिर सागर
लागत : 07 करोड़
बीना बारह जैन मंदिर सागर
लागत : 20 करोड़
खुरई जैन मंदिर सागर
लागत : 20 करोड़
नरयावली जैन मंदिर सागर
लागत : 06 करोड़ रुपए
दिगंबर जैन मंदिर खजुराहो
लागत : 11 करोड़ रुपए
पृथ्वीपुर जैन मंदिर निवाड़ी
लागत : 02 करोड़ रुपए