आप सभी भगवान के समोशरण में बैठे हैं। समोशरण का अर्थ सुनना और सुनाना नहीं है। बल्कि समोशरण में बैठने की मुद्रा ही मोक्ष मार्ग का संदेश देती है।
भोपाल•Dec 21, 2016 / 04:30 pm•
Manish Gite
Hindi News / Bhopal / आचार्य विद्यासागरजी बोले- सिर्फ शब्दों से मोक्ष मार्ग नहीं पाया जा सकता