वेस्ट मैनेजमेँट का अनोखा प्लांट बना खास
वेस्ट मैनेजमेंट का यहां प्रयोग किया गया है। जीरो वेस्ट और क्लीन इज्तिमा के नाम से ये चल रहा है। यहां सीवेज ट्रीटमेंट के लिए चार टैंक बने हैं। जिसमें पीएचई और एक्सपर्ट की मदद से चलाया जा रहा है। पीएचई के सब इंजीनियर वसीउद्दीन ने बताया कि सीवेज ट्रीटमेंट के लिए पांच किमी लंबी लाइन बिछाई गई। आक्सीटेशन पॉण्ड में इसे कलेक्ट कर ट्रीट किया गया। इसके लिए विशेष कल्चर का इस्तेमाल हुआ। बता दें कि वेस्ट मैनेजमेंट एक्सपर्ट सैयद इम्तियाज अली ने वेस्ट मैनेजमेंट सिस्टम की शुरुआत की थी। इससे न केवल साफ सफाई को बढ़ावा मिला बल्कि, खेती को भी फायदा होगा। वेस्ट मैनेजमेंट के लिए चार टैंक बने हैं। करीब दो करोड़ लीटर पानी इनमें ट्रीट होगा। इसके लिए विशेष रसायन का उपयोग किया गया है। पानी ट्रीट कर खेती के लिए छोड़ दिया जाता है। पूरा आयोजन जीरो वेस्ट पर आधारित रहा। कचरा निष्पादन के लिए यहां प्लांट लगाए गए हैं।
-सैयद इम्तियाज अली, सदस्य राज्य स्तरीय वेस्ट मैनेजमेंट समिति
-सैयद इम्तियाज अली, सदस्य राज्य स्तरीय वेस्ट मैनेजमेंट समिति
पहले दिन ऐसी रही शुरुआत
शुक्रवार 29 नवंबर से शुरू हुआ भोपाल का 4 दिवसीय आलमी तब्लीगी इज्तिमा। सुबह फजिर की नमाज के बाद तकरीर का सिलसिला शुरू हो गया। सबसे पहली तकरीर इंदौर के मुफ्ती अब्दुल अजीज साहब ने की। तब्लीगी जमात के प्रमुख मौलाना असद ने मगरिब की नमाज के बाद तकरीर की। उन्होंने कहा अल्लाह पर यकीन रखो। जो भी काम करो दूसरों की भलाई वाला हो। इसे पूरी ईमानदारी से निभाओ। दुनिया में भी कामयाब होंगे और आखिरत भी बनेगी। शाम को मगरिब की नमाज के बाद तब्लीगी जमाम दिल्ली मरकज प्रमुख मौलाना सअद साहब की तकरीर हुई। इसके लिए विशेष रूप से लोग पहुंचे। मजमे को खिताब करते हुए उन्होंने कहा जो काम इंसान के बस में नहीं उसके बारे में सोचकर भी वह परेशान है। आगे क्या होगा इसे सोच वह आगे आने वाले काम बदल देता है। ये गुनाह है। जो वर्तमान में है उसके आधार पर काम करे। इबादत के साथ हर एक की बेहतर के लिए दुआ करें।
पहले दिन शुक्रवार रात तक देश और दुनिया से करीब चार लाख लोग ईटखेड़ी पहुंचे। इंतजामिया कमेटी के मुताबिक पांडाल का 70 प्रतिशत हिस्सा भर गया है। आस्ट्रेलिया, जर्मनी, फ्रांस, यूके सहित 30 देशों के नागरिक भी इसमें शामिल हैं। लोगों के ठहरने के लिए जो पांडाल लगाया गया, उसे एमपी के जिलों और प्रदेशों के नामों में बांटा गया। ताकि लोगों को अपनी जगह ढूंढ़ने के लिए भटकना ना पड़े।
दूसरे दिन चार तकरीर, डॉक्टर, इंजीनियर्स और स्टूडेंट के सेशन
दूसरे दिन शनिवार को चार तकरीर हुईं। सुबह फजिर की नमाज के बाद से सिलसिला शुरू हुआ। दोपहर को जोहर की नमाज के बयान हुए तो इसी बीच डॉक्टर इंजीनियर्स के लिए भी सेशन आयोजित किए गए।अनुशासन: सूरज निकलने से पहले शुरू हो गया दिन
यहां अनुशासन भी सीखने को मिला। यहां पहुंचने वाले लोगों का दिन सूरज निकलने से पहले शुरू हो गया। फजिर की नमाज अदा करने के बाद बयान शुरू हुए। आयोजन के समापन तक लोगों का चार दिन तक यही रूटीन बना रहा।ये रहा खास
- आलमी तब्लीगी इज्तिमा
- दुनिया का पांचवां सबसे बड़ा इस्लामिक आयोजन
- उलेमा दे रहे भलाई की सीख, पर्यावरण की भी सुरक्षा
- अनोखा वेस्ट वॉटर प्लांट, जहां करोड़ों की लीटर पानी किया जा रहा साफ
- सिंचाई के साथ सड़कों पर उड़ रही धूल रोकने में हो रहा उपयोग
- सोमवार सुबह 9 बजे होगी सामूहिक दुआ इसके बाद समापन
- देश और दुनिया से पहुंच चुके हैं करीब 14 लाख लोग
- इनमें 30 देशों के नागरिक भी शामिल
- फिजूल खर्ची पर रोक का पैगाम
- 350 इज्तिमाई निकाह
- पूरे दिन में हुए तीन सेशन इसमें समझाइश और ताकीद दोनों
- उलेमा ने कहा अल्लाह पर यकीन करो, जो काम करो वह दूसरी की भलाई वाला हो ठ्ठ ताकीद- नबी के बताए रास्ते से भटक गए, इसलिए परेशान ठ्ठ समझाइश- दुनिया के कामों में से कुछ वक्त दीन सीखने भी लगाओ
न बैंड न बाजा- आधे घंटे में 350 निकाह, इनमें 160 भोपाल के
रूहानी माहौल में यहां 350 इज्तिमाई निकाह हुए। महज आधे घंटे के भीतर ये सिलसिला पूरा हो गया। इस बार निकाह के लिए अलग पांडाल बना था। शुक्रवार शाम को असिर की नमाज के बाद बयान वाले पांडाल से हटकर बनाए गए हिस्से में मौलाना युसूफ कान्धावी ने इन निकाहों की तकमील कर खुतबा सुनाया और सभी जोड़ों की कामयाब जिंदगी के लिए पूरे मजमे ने दुआ की। शादियों में फिजूल खर्ची को रोकने इज्तिमाई निकाह का ये सिलसिला यहां से शुरू हुआ। निकाह के दौरान दूल्हा और उसके परिजन और दुल्हन की बजाय उसके परिजन यहां मौजूद थे। वधु की रजामंदी लेने के बाद भी यहां निकाह के लिए परिजन आते हैं। इनमें 160 भोपाल के परिवार हैं, जबकि 190 अन्य जिलों से। इन सभी जोड़ों का रजिस्ट्रेशन पहले से किया गया था। मौलाना युसूफ कान्धावी ने खुतबा पढ़ाया।