सिंहस्थ-28 से पहले सिंहस्थ क्षेत्र नए लकदक आधुनिक शहर के रूप में नजर आएगा। स्थायी आश्रम बनाने की सुविधा देने के साथ ही यहां नए विशाल स्कूल-कॉलेज,अस्पताल , वेलनेस सेंटर आदि के लिए भी मंजूरी दिए जाने का विचार है। बोर्ड की अगली बैठक में इसके लिए योजना प्रस्तुत की जाएगी। यूडीए ने इसके लिए फील्ड व टेक्निकल सर्वे पूरा कर लिया है।
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सिंहस्थ क्षेत्र में क्यों हो रहा बदलाव
धार्मिक नगरी उज्जैन की पहचान साधु संतों, महामंडलेश्वरों से है। साधु संतों के उज्जैन आगमन पर ठहरने, कथा, प्रवचन व अन्य धार्मिक आयोजन करने के लिए यहां सालभर भूमि भूखंड की आवश्यकता पड़ती है। राज्य सरकार ने हरिद्वार की तर्ज पर उज्जैन में भी अखाड़ों, साधु-संत, महामंडलेश्वरों को स्थायी आश्रम बनाने की सुविधा देने की बात कही है। विभिन्न समाजों को धर्मशाला बनाने और स्वास्थ्य शिक्षा की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए भी जमीन उपलब्ध कराई जा सकती है। ऐसे में सिंहस्थ क्षेत्र, नए सुविधायुक्त आधुनिक शहर के रूप में नजर आएगा।
धार्मिक नगरी उज्जैन की पहचान साधु संतों, महामंडलेश्वरों से है। साधु संतों के उज्जैन आगमन पर ठहरने, कथा, प्रवचन व अन्य धार्मिक आयोजन करने के लिए यहां सालभर भूमि भूखंड की आवश्यकता पड़ती है। राज्य सरकार ने हरिद्वार की तर्ज पर उज्जैन में भी अखाड़ों, साधु-संत, महामंडलेश्वरों को स्थायी आश्रम बनाने की सुविधा देने की बात कही है। विभिन्न समाजों को धर्मशाला बनाने और स्वास्थ्य शिक्षा की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए भी जमीन उपलब्ध कराई जा सकती है। ऐसे में सिंहस्थ क्षेत्र, नए सुविधायुक्त आधुनिक शहर के रूप में नजर आएगा।
ऐसे आकार लेगी योजना
- वर्तमान में सिंहस्थ मेला क्षेत्र के लिए आरक्षित भूमि पर स्थायी निर्माण पूरी तरह प्रतिबंधित हैं। यहां अधिकांश जमीन का उपयोग खेती के लिए होता है।
- योजना अंतर्गत साधु-संत, महामंडलेश्वर जमीन खरीद कर आश्रम बना सकेंगे।
- किसान भी यूडीए से जुडक़र साधु-संत, महामंडलेश्वर को भूमि दे सकेंगे।
- तय सीमा में साधु-संत, महामंडेलश्वर को स्थायी पक्के निर्माण की अनुमति दी जाएगी।
- यूडीए के माध्यम से यहां बिजली, पानी, सड़क जैसी आधारभूत सुविधाएं उपलब्ध कराएंगे।