पत्रिका पड़ताल में सामने आया कि आदतन अपराधियों पर अंकुश नहीं लगना इस वर्ग के खिलाफ अपराधों का प्रमुख कारण है। देश में सबसे अधिक 36% आबादी मप्र में है। 2021 में अनुसूचित जाति (एससी) वर्ग के खिलाफ 7214 अपराध हुए, जो देश में तीसरे नंबर पर हैं। उप्र पहले पायदान पर है, यहां एक साल में 13446 अपराध हुए। हालांकि अनुसूचित जनजाति (एसटी) के साथ हुए अपराधों में मप्र पहले नंबर पर है। यहां एक साल में 2627 अपराध दर्ज हुए। दूसरे पायदान पर 2122 अपराधों के साथ राजस्थान है।
हॉट स्पॉट लाइव-1
स्थान: पटेल नगर, रायसेन
शराब-गांजे की होम डिलीवरी, पुलिस गश्त रस्म अदाएगी
रायसेन के पटेल नगर में आदतन अपराधी के घर से अवैध शराब और गांजे की होम डिलीवरी होती है। इन परिवारों के डर से कोई नहीं बोलता। इसी क्षेत्र में पांच घर ऐसे हैं, जहां देह व्यापार भी होता है। स्थानीय पार्षद प्रतिनिधि और मप्र वाल्मिकी समाज के युवा विंग के अध्यक्ष आदित्य चावला बताते हैं कि क्षेत्र में पुलिस पेट्रोलिंग नहीं होती। कई परिवार नशे के कारण बर्बाद हो चुके हैं। आदित्य खुद के खर्च पर सीसीटीवी कैमरे लगवा रहे हैं।
अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग के खिलाफ होने वाले अपराधों में पटेल नगर हॉट स्पॉट की सूची में है। यहां वार्ड नंबर-11 में 40 फीसदी से अधिक आबादी एससी वर्ग की है। यहां से शराब, गांजा, चरस समेत कई मादक पदार्थों की सप्लाई बड़े पैमाने पर होती है। कुछ घरों में देह व्यापार भी जारी है। एससी-एसटी के खिलाफ होने वाले अपराधों की वजह भी यहां यही अवैध धंधे हैं। इसकी वजह से कई हत्याएं सहित गंभीर अपराध हो चुके हैं।
हॉट स्पॉट लाइव-2
स्थान: मोहनगिरी, विदिशा
मोहनगिरी भी अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग के खिलाफ होने वाले अपराधों में आगे है। यह क्षेत्र भी अवैध शराब, गांजा समेत अन्य मादक पदार्थों के लिए कुख्यात है। यहां कई आदतन अपराधी हैं, जो बेरोकटोक अवैध कारोबार को अंजाम दे रहे हैं। यही लोग अपराधों को भी अंजाम देते हैं। एससी-एसटी वर्ग के खिलाफ यहां जो भी अपराध हुए हैं, वो वर्गभेद के कारण नहीं बल्कि इसी अवैध करोबार के कारण हुए हैं। मोहनगिरी क्षेत्र में एक राजनीतिक परिवार अवैध शराब-गांजे की बिक्री करता है। सट्टा भी यहीं से संचालित होता है।
पुलिस मुख्यालय की अजाक शाखा ने प्रदेश के 53 हजार से अधिक गांवाें और पांच हजार से अधिक नगरीय निकायों के वार्डों में से 906 हॉट स्पॉट का चयन किया है, जो एससी-एसटी वर्ग के खिलाफ अपराधों में कुख्यात हैं। यह नवाचार मध्यप्रदेश में ही किया गया है। पांच साल में पांच या इससे अधिक अपराध वाले वार्ड या गांवों को इस सूची में रखा जाता है। इनमें से 64 क्षेत्र एक्सट्रीम हॉट स्पॉट की श्रेणी में हैं। ग्वालियर-चंबल में कुछ जगह वर्र्गभेद की वजह से अपराध हुए हैं, पर आंकड़ा बहुत कम है।
कई हॉट स्पॉट, समस्याएं एक जैसी
रायसेन के अजाक थाना प्रभारी गोविंद मेहरा के मुताबिक वर्गभेद से संबंधित अपराध पटेल नगर क्षेत्र में नहीं है। यहां अन्य कारणों की वजह से ही विवाद होते हैं। समझाइश के लिए लोक चेतना शिविर लगाए जाते हैं।
अजाक एडीजी राजेश गुप्ता के अनुसार एससी-एसटी वर्ग के खिलाफ अपराध वाले हॉट स्पॉट चिह्नित कर अपराधों की मूल वजह पता कर रहे हैं। मॉनीटरिंग से स्पष्ट है कि प्रदेश में वर्गभेद की वजह से अपराध नगण्य हैं।