भोपाल

भोपाल में विकास के नाम पर काटे 9 हजार पेड़

स्मार्ट सिटी और विभिन्न विकास योजनाओं के नाम पर राजधानी में 3 साल में करीब 9 हजार पेड़ों को काटा गया नगर निगम हर साल पेड़ों के मेेटेनेंस के लिए करीब 70 लाख रुपए खर्च करता है जिंसी स्लाटर हाउस के बगल में स्टड फार्म की जमीन पर मेट्रो के लिए 1 हजार से ज्यादा पेड़ काटे गए स्मार्ट सिटी के निर्माण के लिए 6 हजार से अधिक पेड़ काटे गए बीआरटीएस कॉरिडोर के लिए 3100 पेड़ काटे गए थे विधायक आवास के लिए 1175 पेड़ों की बलि चढ़ाई गयी हबीबगंज रेलवे स्टेशन के निर्माण के लिए 155 बड़े पेड़ों को काटा गया था

भोपालJun 05, 2023 / 05:53 pm

Mahendra Pratap

भोपाल. राजधानी में प्राकृतिक संसाधन खूब हैं। लेकिन संरक्षण में लापरवाही भी भरपूर है। इसलिए शहर का पर्यावरण बिगड़ रहा है। जैव विविधता की ताजा रिपोर्ट इसे साबित करती है। पर्यावरण, प्राकृतिक संशोधनों, जैव विविधता आदि से शहरवासियों से जुड़ाव, संरक्षण के लिए बने नियमों की पालना में शहर को जीरो अंक मिले हैं। जबकि, जैव विविधता संरक्षण के नाम पर अकेले नगर निगम ने 2022 के दौरान 157 करोड़ रुपए खर्च किए। इसमें प्लांटेशन के नाम पर 135 करोड़ रुपए खर्च किए है।
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इन पांच में से अंक दिए गए हैं।
इन बिंदुओं पर मिले शून्य अंक
– शैक्षणिक सेवाएं- 0
– पॉलिसी, रूल्स, रेगुलेशन, एक्शन प्लान- 0
– पब्लिक कंसल्टेशन- 0
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यहां सिर्फ एक या दो अंक ही
– बाहरी प्रजातियां- 2 अंक
– क्लाइमेट रेगुलेशन- 1 अंक
– बायोडायवर्सिटी प्रोजेक्ट- 1 अंक
– संस्थागत इंटर एजेंसी कॉ-ऑपरेशन- 1 अंक
– पब्लिक अवेयरनेस इंवेंट- 1 अंक
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इनमें बेहतर स्थिति
– शहर में प्राकृतिक क्षेत्रों की स्थिति- 3 अंक
– इकोलॉजीकल नेटवर्क की स्थिति- 4 अंक
– निर्मित क्षेत्र में प्राकृतिक बायोडायवर्सिटी पक्षी- 4 अंक
– संवहनी पौधे, पंक्षी, बटरफ्लाई-
– संरक्षिक प्राकृतिक क्षेत्र- 3 अंक
– पानी की क्षमतावृद्धि – 4 अंक
– रिक्रिएशनल एक्टिविटी- 4 अंक
– बजट आवंटन बायोडायवर्सिटी- 4 अंक
– संस्थागत क्षमता- 4 अंक
– संस्थागत पार्टनरशीप- 4 अंक
– स्कूल पाठ्यक्रम में बायोडायवर्सिटी- 4 अंक
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शहरी बायोडायवर्सिटी
– 411 वर्गकिमी का शहर
– 178 जलपादपों की श्रेणियां हैं
– 106 प्रजातियां हैं फ्लोरा की
– 298 प्रकार के पंक्षी प्रजातियां है
– 104 प्रकार की बटरफ्लाई प्रजातियां है
– 43 सर्प प्रजातियां है
प्राकृतिक संपदा क्षेत्रफल में
– 21.99 वर्गकिमी प्राकृतिक वनस्पति
– 9.25 वर्गकिमी झाडियां
– 14.44 वर्गकिमी कम सघन वनस्पतियां
– 10.13 वर्गकिमी दलदली क्षेत्र
– 6.37 वर्गकिमी खुला ग्रीन स्पेस है
– 6232.59 हेक्टेयर ट्री कवर है।
– 2097 हेक्टेयर पार्क
ऐसे हुआ खर्च
– 18 करोड़ रुपए पार्क मैनेजमेंट पर
– 135 करोड़ रुपए प्लांटेशन पर
– 4.32 करोड़ रुपए भोजवेट लैंड संरक्षण पर
– 157.30 करोड़ रुपए का कुल बजट खर्च
(ये राशि नगर निगम ने 2022 में खर्च की)
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कोट्स
शहर की प्राकृतिक संपदा को बचाने निगम की टीम लगातार काम कर रही है। इसबार भी हम शहर के अलग-अलग क्षेत्रों में पौधरोपण की तैयारी कर रहे हैं।

– केवीएस चौधरी, निगमायुक्त


दो दशकों में भोपाल में पेड़ों का आच्छादन 44 प्रतिशत घटकर 22 प्रतिशत
भारतीय विज्ञान संस्थान, बेंगलुरु द्वारा किए गए एक उपग्रह सर्वेक्षण के अनुसार, वृक्षों की कटाई की वर्तमान दर को 2030 तक घटाकर 4.1 प्रतिशत कर दिया जाएगा।
इसकी पुष्टि ग्लोबल अर्थ सोसाइटी फॉर एनवायरनमेंट एनर्जी एंड डेवलपमेंट की एक अन्य रिपोर्ट से हुई है, जिसके अनुसार:

भोपाल के वन क्षेत्र में 2009 से 2019 तक 35 प्रतिशत से 9 प्रतिशत की भारी गिरावट के कारण भोपाल तेजी से एक पेड़-रहित शहर की ओर बढ़ रहा है। 2025 तक केवल तीन प्रतिशत वन आच्छादनज्ज्।
शहरी वनों, खेतों और अन्य शहरी हरे स्थानों ने वाष्पीकरण के माध्यम से छाया और ठंडा परिवेश तापमान प्रदान करने की अपनी क्षमता के लिए वैश्विक शहर नियोजन प्रयासों में ध्यान आकर्षित किया है।
“शहरी गर्म द्वीप” नामक घटना के कारण शहरी क्षेत्र अपने ग्रामीण परिवेश की तुलना में 8-12 डिग्री अधिक गर्म हो सकते हैं। शहरी वन कुशल प्राकृतिक वायु-शीतलन प्रणाली के रूप में कार्य कर सकते हैं।
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