सरकार का एक्शन प्लान
आत्महत्या के कारण सामने आने से सरकार चिंतित है। आत्महत्या के कारणों को दूर करने के लिए अलग-अलग विभागों की जिम्मेदारी तय की जा रही है। समन्वय का काम रिपोर्ट तैयार करने वाला आनंद संस्थान करेगा। संस्थान ने 18 जिलों में जाकर इन कारणों पर सर्वे किया है। संस्थान प्राथमिक तौर पर अपने वालेंटियर्स भेजकर लेागों को जागरूक कर रहा है। इसमें लोगों से अवसाद से ग्रसित रहने वालों के लक्षण और उन्हें दूर करने के उपाय भी बताए जा रहे हैं। जल्द ही पूरा एक्शन प्लान तैयार कर इसे क्रियान्वित किया जाएगा।
ये हैं आत्महत्या के प्रमुख कारण
पारिवारिक 26 फीसदी
बीमारी की वजह 19 फीसदी
वैवाहिक कारण 11 फीसदी
बेरोजगारी 6 फीसदी
नशे की लत 5 फीसदी
प्रेम संबंध 3 फीसदी
संपत्ति विवाद 3 फीसदी
परीक्षा में फेल 2 फीसदी
अन्य कारण 16 फीसदी
गृहणियां 26 प्रतिशत
दैनिक वेतन भोगी 19 प्रतिशत
कृषि क्षेत्र के 13 फीसदी
बेरोजगार 12 फीसदी
नौकरी वाले 6 फीसदी
छात्र 6 फीसदी
व्यवसायिक 6 फीसदी
रिटायर्ड 1 फीसदी शैक्षणिक आधार पर
अनपढ़ 20
पांचवीं कक्षा तक 23
आठवीं तक 21
हायर सेकंडरी तक 18 फीसदी
कॉलेज पहुंचने वाले 11 फीसदी
प्रोफेशनल्स 4 फीसदी
ग्रेजुएट 2 फीसदी
डिप्लोमाधारी 1 फीसदी
आत्महत्या करने में लोग सबसे ज्यादा फांसी के फंदे पर झूलते हैं। 49 प्रतिशत लोग फांसी लगाकर सुसाइड करते हैं।
बाला बच्चन, गृह मंत्री
– अखिलेश अर्गल सीईओ, राज्य आनंद संस्थान