ये भी पढें – भोपाल रेल मंडल से गुजरने वाली 12 ट्रेन कैंसिल, देखें लिस्ट इनमें 7 संभाग स्तरीय और एक स्टेट होल्डिंग कंपनी होगी। ये बिजली वितरण कंपनियों की तरह काम करेंगी। ये अपने क्षेत्र में रूट से लेकर बसों की व्यवस्था करेंगी। निगरानी भी करेगी। इन कंपनियों को जनता की हर सुविधाओं का ध्यान रखना होगा। अगले कुछ ही माह में बसें रूटों पर दौड़ने लगेंगी। बता दें कि प्रदेश में 2005 से ही सरकारी लोक परिवहन सेवा ठप है।
ऐसे होगा काम
-ये सभी कंपनियां परिवहन विभाग के अधीन काम करेंगी। -स्टेट होल्डिंग कंपनी के प्रशासनिक मुखिया पीएस व एसीएस स्तर के अफसर होंगे। -स्टेट होल्डिंग कपंनी 7 संभागीय कंपनियों की निगरानी करेगी। -संभागीय कंपनियों के लिए नीति बनाने, सरकार-परिवहन से समन्वय स्टेट होल्डिंग कंपनी बनाएगी। -संभागीय कंपनियों के मुखिया प्रबंध संचालक स्तर के अफसर होंगे। -ये कंपनियां कार्य क्षेत्र वाले संभाग के रूटों और वहां सरकारी बसों की जरुरतों का अध्ययन कराएगी। इस आधार पर सेवा शुरू कराने की व्यवस्था होगी।