भोपाल। भोपाल के सिमी ब्रेक द सेंट्रेल जेल मामले के बाद सतर्क हुए पुलिस विभाग ने जेल सुरक्षा के लिए एक और कदम उठाया है। मप्र पुलिस ने ऐसे 71 गार्ड को ट्रेंड करने का निर्णय लिया है, जो ट्रेनिंग के बाद जेल के बाहर और अंदर चल रही हर एक आपराधिक गतिविधि पर नजर रखेंगे। ट्रेनिंग के बाद ये गार्ड ‘इंटेलिजेंस ऑफिसर्स’ कहलाएंगे। आप भी जानें ये फैक्ट * सिमी आतंकियों के जेल ब्रेक करने के बाद मध्यप्रदेश की सभी जेलों में सुधार की जिम्मेदारी प्रदेश के तीन आईपीएस ऑफिसर्स को दी गई है। इनमें संजय चौधरी, सुधीर साही और जीआर मीणा का नाम शामिल है। * संजय चौधरी अपनी एडमिनिस्ट्रेटिव स्किल्स के लिए जाने जाते हैं, तो साही को सर्विलांस एक्टिविटिज में माहिर। वहीं मीणा एक एन्काउंटर स्पेशियलिस्ट पर्सनेलिटी हैं और उनका ‘मुखबीर नेटवर्क’ भी अच्छा-खासा है। * अब तक ऐसे संवेदनशील मामलों के पीछे इंटेलिजेंस फेलियर को ही मुद्दा बनाया जाता रहा है। यही कारण रहा कि टॉप इंटेलिजेंस ऑफिसर्स को अब जेल की सर्विलांस की जिम्मेदारी दी गई है। MUST READ :भोपाल सेंट्रल जेल: एक भेल कर्मचारी ने सिमी आतंकियों को पढ़ाया था ये पाठ * सूत्रों के मुताबिक इन तीनों ऑफिसर्स ने भोपाल की सेंट्रेल जेल समेत एमपी की 51 जेलों से कुल 71 गाड्र्स का चयन किया है। * ये सभी गाड्र्स को स्पेशल ट्रेनिंग दी जाएगी। जिसके बाद ये इंटेलिजेंस ऑफिसर्स कहलाएंगे। ये प्रभावी जेल खुफिया तंत्र होगा, जो जेल के भीतर संगठित समूहों, विभिन्न समूहों के प्रभाव और अंर्तसंबधों के आकलन के अलावा पलायन, दंगे और अशांति को रोकने और निगरानी का काम करेंगे। * हालांकि पुलिस प्रशासन के इस फैसले का किसी ने स्वागत किया है, तो किसी का कहना है कि जेल में इस तरह की व्यवस्था पहले से ही चली आ रही है। ‘जासूसी’ रणनीति पर बहुत पहले से ही काम किया जा रहा है।