दरअसल, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) के द्वारा ग्रीनफील्ड कॉरिडोर का निर्माण पूरा होते ही सफर करना आसान हो जाएगा। भारतमाला प्रोजेक्ट के पहले चरण को अक्टूबर 2017 में केंद्र से मंजूरी मिली थी। जिसके तहत 25 ग्रीनफील्ड हाई-स्पीड कॉरिडोर का निर्माण किया जाना है। चार एक्सप्रेस मध्यप्रदेश से होकर भी गुजरेंगे।
इंदौर-हैदराबाद एक्सप्रेस-वे
इंदौर-हैदराबाद ग्रीन फील्ड एक्सेस कंट्रोल्ड एक्सप्रेस-वे का काम तो काफी पहले ही शुरु हो चुका है, लेकिन अभी निर्माण कार्य पूरा नहीं हुआ है। इंदौर-हैदराबाद एक्सप्रेस-वे महाराष्ट्र और तेलंगाना से भी होकर गुजरेगा। जिससे तीन राज्यों का सफर करने वाले लोगों को बड़ा फायदा होगा। इधर, इंदौर-कोटा के बीच कॉरिडोर का निर्माण किया जा रहा है। जिसकी लंबाई 135 किलोमीटर है।
कोटा के कोचिंग सेंटरों में एमपी के पढ़ने वाले बच्चों को एक्सप्रेस-वे बनने से राहत मिलेगी। वहीं, इसके अलावा कोटा-इटावा एक्सप्रेस-वे भी मध्यप्रदेश से होकर गुजरेगा।
देश की सबसे लंबा एक्सप्रेस-वे दिल्ली-मुंबई मध्यप्रदेश के मंदसौर, झाबुआ और रतलाम जिलों से होकर गुजर रहा है। जिसका काम पूरा होने की कगार पर है। एक्सप्रेस-वे की कुल लंबाई 1386 किलोमीटर और इसमें मध्यप्रदेश का 244 किलोमीटर का हिस्सा रहेगा। इस एक्सप्रेस-वे के निर्माण से हरियाणा, यूपी, राजस्थान, गुजरात, दादर नगर हवेली और महाराष्ट्र के लोगों को होगा।
दिल्ली-मुबंई एक्सप्रेस में एमपी का बड़ा हिस्सा
देश की सबसे लंबा एक्सप्रेस-वे दिल्ली-मुंबई मध्यप्रदेश के मंदसौर, झाबुआ और रतलाम जिलों से होकर गुजर रहा है। जिसका काम पूरा होने की कगार पर है। एक्सप्रेस-वे की कुल लंबाई 1386 किलोमीटर और इसमें मध्यप्रदेश का 244 किलोमीटर का हिस्सा रहेगा। इस एक्सप्रेस-वे के निर्माण से हरियाणा, यूपी, राजस्थान, गुजरात, दादर नगर हवेली और महाराष्ट्र के लोगों को होगा।