टूट—फूट और गड्ढों से यहां से गुजरनेवाले लोग परेशान हो रहे थे, इधर कंपनियां टोल कलेक्शन में लगातार घाटा बताकर सड़कों की मरम्मत नहीं कर रही थीं- एमपीआरडीसी ने बीओटी पर सडक़ों को दस वर्ष पहले निजी कंपनियों को दिया था. इन सड़कों की भी हालत बहुत खराब हो चुकी थी, टूट—फूट और गड्ढों से यहां से गुजरनेवाले लोग परेशान हो रहे थे. इधर कंपनियां टोल कलेक्शन में लगातार घाटा बताकर सड़कों की मरम्मत नहीं कर रही थीं.
बार—बार की चेतावनी के बाद भी नहीं मानने पर एमपीआरडीसी ने कंपनियों की धरोहर राशि जब्त कर टर्मिनेट कर दिया है- बार—बार शिकायतें मिलने पर एमपीआरडीसी ने उन्हें सड़के बनाने के निर्देश दिए लेकिन कंपनियां इसके लिए तैयार नहीं थीं. बार—बार की चेतावनी के बाद भी नहीं मानने पर एमपीआरडीसी ने उनकी धरोहर राशि जब्त कर टर्मिनेट कर दिया है. इसके चलते इन कंपनियों को अब प्रदेश में सडक़ निर्माण का नया काम भी नहीं दिया जाएगा.
ये टोल टर्मिनेट
1- भिंड-मिओना-गोपालपुरा
2- बीना-खिमलासा-मालथौन
3- महू-घाटाबिल्लौद
4- दमोह- सागर
5- इंदौर-उज्जैन
6- सीहोर-इछावर-कोसमी
अब इन सडक़ों के निर्माण, रख-रखाव सहित अन्य कार्य एमपीआरडीसी करेगा, क्या होगा टैक्स का- हालांकि यहां टोल कलेक्शन का काम होता रहेगा. एमपीआरडीसी के अधिकारियों के अनुसार सड़कों का निर्माण और रखरखाव किया जाएगा जबकि नई कंपनियां टोल टैक्स वसूलेंगी.