शैलेंद्र तिवारी. भोपाल. सरकार कह रही है कि व्यापमं मामले की पूरी जांच सीबीआई कर रही है। हकीकत यह है कि सीबीआई ने जांच में अब तक 55 मामलों को शामिल ही नहीं किया है। यूं कहें कि उनकी जांच करने से इनकार कर दिया है। सीबीआई का तर्क है कि उन्हें उन मामलों की जांच दी ही नहीं गई जबकि एसटीएफ व्यापमं मामले की जांचों से पल्ला झाड़कर बैठ गई है। एेसे में उन 28 मामलों में विचित्र स्थिति हो गई है, जिनमें एसटीएफ ने चालान पेश कर दिया था। इन मामलों को न सीबीआई देख रही है और न ही एसटीएफ। इसके अलावा 27 मामले और हैं, जिनकी जांच सीबीआई को देने के निर्देश अभी तक नहीं हो पाए हैं। सीबीआई को 9 जुलाई 2015 को व्यापमं की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट से 185 प्रकरणों की सूची मिली थी। सीबीआई ने उन्हीं मामलों को आधार बनाकर जांच शुरू कर दी। इन्हीं मामलों की जांच के दौरान सीबीआई को 28 मामले एेसे मिले, जिनमें एसटीएफ ने चालान पेश कर दिए थे। एेसे में उन मामलों को सीबीआई ने दोबारा जांच से इनकार कर दिया। सीबीआई का तर्क है कि उन्हें किसी मामले को दोबारा जांचने के निर्देश नहीं हुए हैं। एेसे में एसटीएफ उन मामलों में काम करती रहे, जिनमें वह चालान पेश कर चुकी है। सीबीआई सिर्फ 157 मामलों की ही जांच करेगी। चूंकि, व्यापमं का पूरा केस सीबीआई के सुपुर्द हो गया है। एेसे में एसटीएफ भी इन मामलों में दिलचस्पी नहीं ले रही। उसके ज्यादातर अफसर और कर्मचारियों को दूसरे कामों में लगा भी दिया गया है।इन 27 पर तो किसी का गौर नहींसीबीआई और एसटीएफ की इस उलझन के बीच में 27 मामले तो एेसे हैं, जिन पर किसी का ध्यान ही नहीं है। दरअसल, एसटीएफ और उसकी जिलों में बनी एसआईटी ने कुल 212 प्रकरण दर्ज किए थे, जिसमें से 185 प्रकरण की सूची प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को जुलाई में सौंप दी थी, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को जांच करने के लिए दे दिए थे। 27 बचे मामलों की जानकारी प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अक्टूबर महीने में दी, जिस पर अभी तक सीबीआई को कोई निर्देश नहीं मिले हैं। एेसे में सीबीआई इन मामलों की जांच नहीं कर रही है। जबकि एसटीएफ अपना काम बंद कर चुकी है।सच से अनजान या झूठ बोलाप्रदेश सरकार ने विधानसभा में 22 जुलाई 2015 को कांग्रेस विधायक बाला बच्चन और रामनिवास रावत को जवाब में कहा कि व्यापमं के समस्त अपराधों की विवेचना सीबीआई के पास है जबकि हकीकत इससे अलग है और सीबीआई सिर्फ 157 अपराधों की जांच कर रही है। एेसे हो सकते हैं आदेश-प्रदेश सरकार सुप्रीम कोर्ट में जाकर शेष प्रकरणों की जांच की सिफारिश सीबीआई के लिए करे।-केंद्र सरकार खुद संज्ञान लेकर सीबीआई को इन मामले की जांच के लिए आदेश करे।-कोई तीसरी पार्टी सुप्रीम कोर्ट में जाकर इन मामलों को सीबीआई को देने की याचिका दायर करे।सीबीआई की भूमिका शुरू से ही उलझी हुई है। अभी तक सीबीआई पूरे मामले की जांच नहीं ले पाई हैं। सिर्फ 157 मामलों की जांच हो रही है, बाकी के मामलों को कौन देखेगा? अभी तक स्पष्ट नहीं है।-पारस सकलेचा, व्हिसल ब्लोअर