इनमें से कुछ स्थल ऐसे भी है जो भोपाल, ग्वालियर, जैसे इंदौर बड़े शहरों के पास है जिनकी जानकारी नहीं होने के कारण पर्यटक उस ओर नहीं जाते। इन स्थलों पर पर्यटन बोर्ड लगातार अपनी गतिविधियां चला रहा है। इसमें महिला पर्यटकों की सुरक्षा के लिए स्थानीय महिलाओं को प्रशिक्षित किया जा रहा है।
यह भी पढ़े – दबंग अरशद समझकर पीटते रहे, वो बोला- ‘मैं अजहर हूं,’ कहानी सुनकर एएसपी का भी घूम गया माथा इन जगहों को किया गया चिंहित :
- आशापुरी मंदिर समूह – भोजपुर
- तामिया और देवगढ़ – पचमढ़ी
- खारीगांव, केकड़िया, जगदीशपुर – भोपाल
- मदन महल और गौरीघाट और नर्मदा के तटीय स्थल – जबलपुर
- मितावली पड़ावली के मंदिर, चौंसठ योगिनी मंदिर, तेली का मंदिर, सहस्त्रबाहु मंदिर – ग्वालियर
- सिंधिया की छतरियां- शिवपुरी
- काला ताजमहल, असीरगढ़ का किला और बुरहानपुर का किला – बुरहानपुर
- पशुपतिनाथ व धर्मराजेश्वर मंदिर, चतुर्भुज नाला – मंदसौर
- पातालकोट और तामिया- छिंदवाड़ा
- सोनागिरी जैन मंदिर और दतिया का किला- दतिया
- बहुति झरना और क्योटी जलप्रपात- रीवा
- भीमकुंड और जटाशंकर – छतरपुर
- नजारा व्यू प्लाइंट, निदान कुंड और सद्भावना शिखर- दमोह
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- हेरिटेज वाक और सांस्कृतिक गतिविधियां
- टूरिस्ट की सेफ्टी, आवागमन और भोजन के जरूरी इंतजाम
- गाइड, टैक्सी सहित अन्य सुविधाएं।