यातायात को सुगम बनाने के लिए अच्छी सड़कें जरूरी हैं।यही कारण है कि मध्यप्रदेश में सड़कों की गुणवत्ता को बेहतर बनाने पर फोकस किया जा रहा है। इसके लिए प्रदेश का लोक निर्माण विभाग आधुनिक तकनीकों के उपयोग पर विशेष ध्यान दे रहा है।
विभाग ने सड़क निर्माण की अत्याधुनिक व्हाइट टॉपिंग White topping technology roads तकनीक को अपनाने का निर्णय लिया है। इसके लिए पायलट प्रोजेक्ट के तहत 21 जिलों में 41 रोड चुनी गईं हैं जिनपर यह तकनीक अपनाई जाएगी।
यह भी पढ़ें: एमपी में लाखों कर्मचारियों को हर माह 1500 से 2500 तक का नुकसान, अफसरों के खिलाफ लामबंद हुए संगठन लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों के अनुसार चुनी हुई सड़कों की कुल लंबाई 109.31 किलोमीटर है। यह योजना इसी माह यानि नवंबर के अंत तक शुरू करने की तैयारी चल रही है। सभी 41 सड़कों को संवारने का काम अगले 4 महीनों में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
क्या है व्हाइट टॉपिंग तकनीक
व्हाइट टॉपिंग तकनीक सड़क White topping technology roads निर्माण की सबसे आधुनिक तकनीक है। इसमें पुरानी डामर सड़कों पर कांक्रीट की मोटी परत चढ़ाई जाती है। इससे न केवल सड़क मजबूत और टिकाऊ बनती है, बल्कि उनकी आयु भी 20 से 25 साल तक बढ़ जाती है।
व्हाइट टॉपिंग तकनीक सड़क White topping technology roads निर्माण की सबसे आधुनिक तकनीक है। इसमें पुरानी डामर सड़कों पर कांक्रीट की मोटी परत चढ़ाई जाती है। इससे न केवल सड़क मजबूत और टिकाऊ बनती है, बल्कि उनकी आयु भी 20 से 25 साल तक बढ़ जाती है।
व्हाइट टॉपिंग तकनीक में सबसे पहले डामर सड़क की सतह को साफ किया जाता है। फिर 6 से 8 इंच मोटी कांक्रीट की परत डाली जाती है जो भारी यातायात और खराब मौसम में भी खराब नहीं होती।
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नई व्हाइट टॉपिंग तकनीक का सबसे बड़ा लाभ इसका टिकाऊपन है। व्हाइट टॉपिंग के कारण सड़कों पर गड्ढे नहीं होते हैं। यह पर्यावरण के अनुकूल भी है क्योंकि कांक्रीट की सतह डामर की तुलना में ज्यादा ठंडी रहती है। इसके अलावा, रख-रखाव की लागत में भी काफी कमी आती है।
नई व्हाइट टॉपिंग तकनीक का सबसे बड़ा लाभ इसका टिकाऊपन है। व्हाइट टॉपिंग के कारण सड़कों पर गड्ढे नहीं होते हैं। यह पर्यावरण के अनुकूल भी है क्योंकि कांक्रीट की सतह डामर की तुलना में ज्यादा ठंडी रहती है। इसके अलावा, रख-रखाव की लागत में भी काफी कमी आती है।
प्रोजेक्ट में सबसे अधिक 14 मार्ग भोपाल के शामिल किए गए हैं। इंदौर जिले में 3 मार्ग, ग्वालियर जिले में 3 मार्ग, बुरहानपुर जिले में 2 मार्ग, मंदसौर जिले में 2 मार्ग, सागर जिले में 2 मार्ग इस तकनीक से संवारे जाएंगे। इनके अलावा आगर मालवा, उमरिया, खंडवा, गुना, छतरपुर, देवास, नर्मदापुरम, नीमच, बैतूल, मुरैना, रतलाम, रायसेन, रीवा, सतना और हरदा जिले में 1-1 रोड व्हाइट टॉपिंग तकनीक White topping technology से चमकाई जाएगी।