भोपाल. मध्य प्रदेश इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड ( MPEB ) ने बढ़ी हुई मीटर रीडिंग के आधार पर टू बीएचके का बिजली बिल 39, 630 रुपए वसूल लिया। उपभोक्ता ने इस मामले की शिकायत जिला उपभोक्ता आयोग में की। मामला गलत पाए जाने पर आयोग ने मध्य प्रदेश इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड पर 48 हजार का जुर्माना लगाते हुए फरियादी को राशि वापस करने के आदेश जारी किये हैं।
शहर के बरखेड़ा पठानी में रहने वाली पुष्पा डोंगरे के 2 बीएचके फ्लैट का बिल अचानक 39,630 रुपए आ गया। उनके फ्लैट की रीडिंग 2109 यूनिट थी। ये अगले महीने 5248 यूनिट हो गई। इसकी शिकायत जब म.प्र. इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड से की गई तो बोर्ड द्वारा कहा गया कि, उपभोक्ता ने मीटर से छेड़छाड़ की है। इस वजह से कम यूनिट आए हैं। उपभोक्ता ने विद्युत मीटर टेस्टिंग शुल्क जमा कर एलटीएमटी लैब में जांच करवाई। जांच में मीटर ठीक पाया गया। इसके बावजूद उपभोक्ता को अधिक यूनिट का भुगतान करना पड़ा।
बोर्ड की मनमानी के खिलाफ मामला भोपाल जिला उपभोक्ता आयोग पहुंचा। यहां बेंच एक में अध्यक्ष योगेश दत्त शुक्ल, सदस्य सुनील श्रीवास्तव और प्रतिभा पांडेय ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद म.प्र इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड पर 48 हजार का जुर्माना लगाया। बोर्ड मीटर में छेड़छाड़ साबित नहीं कर पाया। ऐसे में फोरम ने बिजली विभाग को बिल की राशि के 39,630 रूपए लौटाने का आदेश दिया। साथ ही मानसिक कष्ट के 5 हजार रूपए और परिवाद व्यय के 3 हजार रूपए देने का आदेश दिया है।
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इस तरह के हर महीने 15 केस
मीटर में गड़बड़ी बताकर उपभोक्ताओं से अत्याधिक वसूली के हर महीने जिला उपभोक्ता आयोग में कम से कम 15 मामले आते हैं। इन मामलों में कई बार बिजली विभाग और ग्राहक में समझौता हो जाता है। महा उपभोक्ता लोक अदालत में भी ऐसे की मामलों की इस बार सुनवाई होगी।