अफसरों का दौरा: पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारतीय वन्यजीव संस्थान देहरादून सहित मध्य प्रदेश वन विभाग के प्रमुख सचिव अशोक बर्णवाल और मुख्य वन्यप्राणी अभिरक्षक जसवीर सिंह चौहान नामीबिया गए थे। वहां 5 दिन बैठकों के दौर में भारत और नामीबिया के अफसरों के बीच सहमति बनी है। ये चीते पांच साल में लाए जाएंगे। बता दें कि, नमीबिया से चीते लाने के बाद पहले चरण में इन चीतों की बसाहट मध्य प्रदेश के कूनो में होगी।
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कूनो पार्क में दिखेगी चीते की रफ्तार
अब डॉक्टर और मैदानी कर्मचारी जाएंगे दौरे पर भारत से मैदानी अफसर-कर्मचारियों का दूसरा दल मार्च अंत में नामीबिया जाएगा। इसमें कूनो पार्क के संचालक, डॉक्टर, चीता की देखरेख करने वाले कर्मचारी शामिल होंगे। यह दल 20 दिन वहां रुककर प्रशिक्षण लेगा। चीतों के साथ नामीबिया के डॉक्टर और देखरेख करने वाले कर्मचारी भी मध्य प्रदेश आएंगे और करीब 6 माह तक यहीं रहकर उनकी देखरेख अपनी निगरानी में करेंगे।
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खास बातें
-1947 छत्तीसगढ़ के कोरिया इलाके में मार गिराया गया था आखिरी चीता।
-1952 में सरकार ने चीता को विलुप्त घोषित किया था।
-95 से 100 किमी प्रति घंटे की रफ्तार है चीते की। सात मीटर लंबी छलांग।
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