वैक्सीन डिलीवरी के लिए भारत सरकार द्वारा कोविन पोर्टल बनाया गया है, जो हमारी आईटी क्षमता का श्रेष्ठ उदाहरण है। इससे संपूर्ण टीकाकरण कार्य की अच्छी मॉनिटरिंग भी होगी।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि कोरोना टीकाकरण के लिए राज्य नियंत्रण कक्ष और कमांड सेंटर की स्थापना की गई है। साथ ही हर जिले तथा ब्लॉक स्तर पर भी कार्य की निगरानी के लिए नियंत्रण कक्ष स्थापित किए जा रहे हैं।
16 जनवरी को वैक्सीनेशन के लॉन्च के अवसर पर जेपी अस्पताल भोपाल और एमजीएम मेडिकल कॉलेज इंदौर में इवेंट की वेबकास्टिंग के लिए विशेष टू वे कम्युनिकेशन सिस्टम होगा। सभी तैयारियां पूर्ण
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में कोरोना वैक्सीनेशन की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। सभी संबंधित को प्रशिक्षण, कोल्ड चैन, वैक्सीन लॉजिस्टिक, ड्राई रन आदि सारे कार्य पूरे कर लिए गए हैं।
कोरोना वैक्सीन के भोपाल, इंदौर, ग्वालियर और जबलपुर में राज्य स्तर के स्टोर्स बनाए गए हैं, जहां वैक्सीन प्राप्त करने की पूरी तैयारी कर ली गई है। वैक्सीन प्राप्त होने के 24 घंटे के भीतर सभी जिला टीका केंद्रों में उसे ले जाने की व्यवस्था भी कर ली गई है।
जिला अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, नागरिक अस्पताल, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, तथा चयनित निजी संस्थानों में टीकाकरण का कार्य किया जाएगा। कुल 1149 टीकाकरण स्थल चयनित किए गए हैं। टीकाकरण के लिए इतने ही दल बनाए गए हैं। प्रत्येक दल में 4 वैक्सीनेशन ऑफिसर रहेंगे, जिनमें 2 एएनएम एक आंगनवाड़ी कार्यकर्ता तथा एक आशा कार्यकर्ता होगी।
वैक्सीनेशन 45 दिन की प्रक्रिया
वैक्सीनेशन की कुल 45 दिन की प्रक्रिया है। पहले डोज एवं दूसरे डोज के बीच 28 दिन का अंतर होगा तथा दूसरे डोज के 14 दिन बाद वैक्सीनेशन का असर होगा। अर्थात इस दौरान कोरोना प्रोटोकाल का पूर्ववत पालन करना है।
कोरोना संबंधी मदद के लिए ‘कोविन’ हेल्प लाइन संचालित रहेंगी। केन्द्रीय हेल्पलाइन का नंबर 1075 तथा राज्य सरकारों की हेल्पलाइन का नंबर 104 होगा।