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भोपाल गैस त्रासदी के 38 साल आज : नम आखों से दी श्रद्धांजलि, CM शिवराज बोले- दोषियों को सजा मिलनी चाहिए

भोपाल गैस त्रासदी की आज 38वीं बरसी पर भोपाल स्थित बरकतउल्ला भवन सेंट्रल लाइब्रेरी में सर्वधर्म प्राथना सभा आयोजित की गई।

भोपालDec 03, 2022 / 01:37 pm

Faiz

भोपाल गैस त्रासदी के 38 साल आज : नम आखों से दी श्रद्धांजलि, CM शिवराज बोले- दोषियों को सजा मिलनी चाहिए

भोपाल. भोपाल गैस त्रासदी की आज 38वीं बरसी है। इस मौके पर राजधानी भोपाल में स्थित बरकतउल्ला भवन सेंट्रल लाइब्रेरी में सर्वधर्म प्राथना सभा आयोजित की गई। प्रार्थना सभा में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी शामिल हुए। इस दौरान धर्मगुरुओं ने सभी धर्मों का पाठ कर हादसे के दिवंगत गैस पीड़ितों को श्रद्धांजलि दी।

सर्वधर्म प्रार्थना सभा के दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि, अलग अलग लोगों के अलग अलग कर्तव्य है। सब अपनी अपनी जिम्मेदारी निभाए तो जीवन धन्य हो जाए। किसी की गलती के कारण किसी की जान चली गई। कंपनी के कंट्रोल नहीं रखने के कारण, ज़िम्मेदारी और लापरवाही के कारण मासूम बच्चों की भी मौत हुई। दरमियानी रात कभी भुलाए नहीं भूलती। क्या दृश्य था, जिन्होंने जिम्मेदारी नहीं निभाई उन्हें सजा मिलनी चाहिए।

 

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प्रकृति से खेलना गलत- शिवराज

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सीएम शिवराज ने ये भी कहा कि, प्रकृति से खेलना गलत है। विकास के नाम पर हम प्रकृति का विनाश कर रहे हैं। अगर आज भी नहीं सोचा तो ग्लोबल वॉर्मिंग और क्लाइमेट चेंज बड़ी चुनौती बन रहा है। हम प्रकृति का शोषण कर रहे हैं। इंसान को भी परिणाम भुगतना पड़ेगा। ये हमें एक संदेश देती है। धरती सबके लिए है, उनको भी जीने का हक है। विकास और पर्यावरण में संतुलन रहे। इंसान अपनी हद और सीमा में रहे। हमें पर्यावरण बचाने की जिम्मेदारी निभानी चाहिए।सीएम ने कहा कि, मैं उस घटना का साक्षी हूं। जिसने भी उस घटना को देखा वो उसे कभी भूल नहीं सकता। कई गैस पीड़ित अब भी ज़िंदा हैं, लेकिन उनके शरीर जर्जर हैं। उनके साथ हम खड़े हैं। सब कुछ परफ़ेक्ट तो नहीं किया जा सकता, लेकिन बेहतर करने की कोशिश हम कर रहे हैं।

 

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कितनी भयावह थी वो रात ?

आपको बता दें कि, 3 दिसंबर 1984 को हुई भोपाल गैस त्रासदी को अब भी दुनिया की सबसे भीषण मानवीय त्रासदी माना जाता है। तबाही का वो ऐसा मंजर था, जिसमें एक साथ सड़कों पर हजारों लाशें बिछ गई थीं। ऐसे हजारों लोग थे, जो रात में सोए तो थे, लेकिन सुबह जागे ही नहीं। उस सर्द रात में करीब 12 बजे तक सबकुछ रोजाना की तरह एक सामान्य रात जैसा था। लेकिन, देखते ही देखते शहर के बीचों बीच स्थित पेरासाइट बनाने वाली कंपनी यूनियन कार्बाइट से मिथाइल आइसोसाइनाइट नामक ऐसी जहरीली गैस शहर में फैली, जिससे शुरुआत में लोगों की आंखों में जलन, सीने में घुटन होने लगी। अचानक ये अजीब सी घटना होने पर शहर के लोग घबराकर घरों से निकल भागने लगे। लेकिन, देखते ही देखते केमिकल फैक्टरी से निकली जहरीली गैस ने हजारों लोगों के जीवन को लील लिया।

जहरीली गैस के दुष्परिणाण उस रात या कुछ और दिन के नहीं थे। एक्सपर्ट्स का तो यहां तक कहना है कि, इस जहर के दुष्परिणाम पीड़ित की तीसरी पीड़ी तक देखे जा सकते हैं। इन सब में सबसे दुखद बात तो ये है कि, घटना के पीड़ित आज भी तिल तिल मर रहे हैं और न्याय की गुहार लगा रहे हैं, लेकिन इस घटना के जिम्मेदारों को अब भी सजा नहीं मिल पाई है।

 

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