शहर में कई जगहों पर हथियारबंद जवानों की आवाजाही बढ़ी है। वहीं कन्ट्रोल रूम और पुराने शहर में पुलिस बल सामान्य से ज्यादा दिखायी दी। जानकारी के मुताबिक शहर के कुछ इलकों में मोबाइल नेटवर्क की भी समस्या समाने आयी। वहीं भोपाल के एमपीनगर इलाके में एटीएम सर्व ( atm server ) डाउन रहा।
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धारा 370 हटाने के फैसले के खिलाफ कांग्रेस
शहर में धारा 370 को हटाये जाने पर लोगों ने मिठाई बांटी। वहीं कांग्रेस कार्यलय में आज काग्रेस कार्यकर्ताओं की भीड़ नहीं दिखी। लोगों का मानना है कि कांग्रेस धारा 370 हटाने के फैसले के खिलाफ है। लेकिन बहुमत में न होने के कारण विरोध प्रदर्शन नही कर पा रही। भाजपा कार्यकर्ताओं ने जश्न मनाया। सूत्रों के मुताबिक दोपहर बाद बीजेपी ( BJP ) हाई कमान ने जश्न न मनाये जाने का आदेश दिया है।
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ने दी चेतावनी
कांग्रेस आईटी सेल ने दिया निर्देश
मध्यप्रदेश कांग्रेस ( Congress ) सोशल मीडिया के साथियों को निर्देशित गया कि धारा 370 विषय पर सोशल मीडिया में कोई भी पोस्ट या ग्राफ़िक्स डालने या शेयर करने से बचें। यदि कांग्रेस सोशल मीडिया का कोई भी साथी इस विषय पर सोशल मीडिया पर पोस्ट डालता, टिप्पणी करता या प्रतिक्रिया देता पाया जाता है, तो उसके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही होगी।
क्या है धारा 370 ( about article 370 )
धारा 370 के अनुसार, संसद को जम्मू-कश्मीर ( latest news Jammu and Kashmir hindi ) के बारे में रक्षा, विदेश मामले और संचार के विषय में कानून बनाने का अधिकार है लेकिन किसी अन्य विषय से सम्बन्धित कानून को लागू करवाने के लिए केन्द्र को राज्य सरकार का अनुमोदन चाहिए। ऐसे समझे… ( Article 370 Jammu Kashmir )
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रेट, एक्सपर्ट की सलाह
– इसी विशेष दर्जे के कारण जम्मू-कश्मीर राज्य पर संविधान की धारा 356 लागू नहीं होती।
– इस कारण राष्ट्रपति के पास राज्य के संविधान को बर्खास्त करने का अधिकार नहीं है।
– जम्मू-कश्मीर के नागरिकों के पास दोहरी नागरिकता (भारत और कश्मीर) होती है।
– भारत की संसद जम्मू-कश्मीर के सम्बन्ध में अत्यन्त सीमित क्षेत्र में कानून बना सकती है।
– जम्मू-कश्मीर का राष्ट्रध्वज अलग है। वहां के नागरिकों द्वारा भारत के राष्ट्रीय ध्वज का सम्मान करना अनिवार्य नहीं है।
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– इसके तहत भारतीय नागरिक को विशेष अधिकार प्राप्त राज्यों के अलावा भारत में कहीं भी भूमि खरीदने का अधिकार है.।यानी भारत के दूसरे राज्यों के लोग जम्मू-कश्मीर में जमीन नहीं खरीद सकते।
– भारतीय संविधान की धारा 360 जिसके अन्तर्गत देश में वित्तीय आपातकाल लगाने का प्रावधान है, वह भी जम्मू-कश्मीर पर लागू नहीं होती।
– जम्मू-कश्मीर की विधानसभा का कार्यकाल 6 वर्षों का होता है जबकि भारत के अन्य राज्यों की विधानसभाओं का कार्यकाल 5 वर्ष का होता है।
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– भारत के उच्चतम न्यायालय के आदेश जम्मू-कश्मीर के अन्दर मान्य नहीं होते हैं।
– जम्मू-कश्मीर की कोई महिला अगर भारत के किसी अन्य राज्य के व्यक्ति से विवाह कर ले तो उस महिला की नागरिकता समाप्त हो जाएगी. इसके विपरीत अगर वह पकिस्तान के किसी व्यक्ति से विवाह कर ले तो उसे भी जम्मू-कश्मीर की नागरिकता मिल जाएगी।
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संयोग
– धारा 370 ( 35 A and Article 370 ) की वजह से कश्मीर में आरटीआई और सीएजी (CAG) जैसे कानून लागू नहीं होते हैं।
– कश्मीर में महिलाओं पर शरियत कानून लागू है।
– कश्मीर में पंचायत को अधिकार प्राप्त नहीं है।
– धारा 370 की वजह से ही कश्मीर में रहने वाले पाकिस्तानियों को भी भारतीय नागरिकता मिल जाती है।