फिलहाल, ये स्पष्ट नहीं है कि, इस शानदार वीणा को शहर के किस स्थान पर स्थापित किया जाएगा ?कबाड़ से इस रुद्र वीणा का निर्माण करने वाले पवन देशपांडे का कहना है कि, इसे जहां भी स्थापित किया जाएगा, उसके आसपास खास विद्युत साज – सज्जा की जाएगी। साथ ही, इसमें एक म्यूजिक सिस्टम भी लगाया जाएगा, ताकि लोग वीणा के मधुर संगीत का आनंद ले सकें।
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कबाड़ से वीणा बनाने में आया 15 लाख खर्च
‘कबाड़ से कंचन’थीम पर रुद्र वीणा का निर्माण करने वाले पवन देशपांडे का कहना है कि, इसका निर्माण भारतीय संस्कृति के प्रचार प्रसार के लिए किया गया है। रुद्रवीणा हमारी पुरातन संस्कृति का अभिन्न हिस्सा है, लेकिन अकसर नई पीढ़ी इसके बारे में ज्यादा नहीं जानती। इसलिए इस कलाकृति को बनाने का विचार हमारे साथियों ने दिया। इसे बनाने में करीब 15 लाख रुपए खर्च हुए हैं। उन्होंने बनाया इसके निर्माण में व्हीकल के स्क्रैप जैसे चेन, गियर, बाल बेयरिंग और तारों से तैयार किया गया है।
विश्व की सबसे बड़ी रुद्र वीणा
कबाड़ से रुद्र वीणा का निर्माण करने वाले कलाकारों का दावा है कि, ये कलाकृति विश्व में तैयार अब तक की सबसे बड़ी कलाकृति है। इसे तैयार करने के लिए पवन और देवेंद्र के साथ उनकी कोर टीम के 8 कलाकारों ने करीब दो महीने तक दिन में आठ घंटे काम कर इसे तैयार किया है।
इन कलाकारों की मेहनत से तैयार हुई रुद्रवीणा
इसे तैयार करने के लिए शालिनी देशपांडे, गजेंद्र शाक्य, सैयद फारूख, गुलफाम कुरैशी, गजेंद्र शाक्य, संतोष मुआसी, फैजान कुरैशी, फरहान अंसारी और अरविंद हर सहित अन्य कलाकारों ने प्रतिदिन आठ घंटे मेहनत कर इसे तैयार किया है।
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