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2021 में तैयार होगा मास्टर प्लान
प्राप्त जानकारी के अनुसार, नए साल यानी 2021 में यूनेस्को की टीम द्वारा ग्वालियर और ओरछा का दौरा किया जाएगा। इस दौरान यूनेस्को की टीम दोनों शहरों के ऐतिहासिक स्थलों का दौरा करेगी और उनके विकास के लिए पर्यटन विभाग के साथ मिलकर मास्टर प्लान तैयार करेंगी, जिसके तहत आगामी दिनों में इन दोनों शहरों के पर्यटन स्थलों को विकसित किया जाएगा। इन पर्यटन स्थलों के विकसित होने के बाद प्रदेश के पर्यटन को और भी बढ़ावा मिलेगा।
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क्यों खास हैं ग्वालियर?
ग्वालियर मध्य प्रदेश के प्रमुख शहरों में से एक है। 9वीं शताब्दी में स्थापित ग्वालियर गुर्जर प्रतिहार राजवंश, तोमर, बघेल कछवाहों और सिंधिया शासन की राजधानी रहा है। इन राजवंशों द्वारा बनाई गई इमारतें, किले और महल आज भी ग्वालियर में मौजूद हैं, जिन्हें देश-दुनिया की प्रसिद्ध इमारतों में से एक माना जाता है।
क्यों खास हैं ओरछा?
ओरछा 16वीं शताब्दी में बुंदेला साम्राज्य की राजधानी रहा है। ये शहर अपने किले के लिए पहचाना जाता है। इस किले का निर्माण साल 1501 में राजा रुद्र प्रताप सिंह द्वारा कराया गया था। इस किले में एक भी है। ये दुनिया का एकमात्र मंदिर है, जहां भगवान राम को राजा के रूप में पूजा जाता है।
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ये होगा फायदा
यूनेस्को की वर्ल्ड हेरिटेज सूची में शामिल होने के बाद मानसिंह पैलेस, गूजरी महल और सहस्त्रबाहु मंदिर में केमिकल ट्रीटमेंट और पुनर्निर्माण का काम होगा। शहरों के ऐतिहासिक स्थलों पर बनी हुई पेंटिंग्स को उभारा जाएगा और इन ऐतिहासिक स्थलों तक जाने वाले रास्तों को चौढ़ा कराया जाएगा। इनके अलावा इन ऐतिहासिक स्थलों पर सुरक्षाकर्मियों की तैनाती भी की जाएगी, ताकि इसका रखरखाव और बेहतर हो सके। यूनेस्को के इस कदम के बाद प्रदेश के ग्वालियर और ओरछा के पर्यटन को और बढ़ावा मिलेगा।
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