कुछ यही कहानी है वर्तमान में मध्यप्रदेश के मुरैना के आईपीएस ऑफिसर मनोज शर्मा की। जिसने कभी भिखारियों के साथ सोकर रातें गुजारीं। आपको बता दें कि डायरेक्टर विधु विनोद चोपड़ा इनके संघर्षों की कहानी को बड़े पर्दे के लिए तैयार कर रहे हैं। हाल ही में आगरा के शाहगंज स्थित राजकीय इंटर कॉलेज में दो दिन इस फिल्म की शूटिंग की गई है। अभी इस फिल्म की शूटिंग दो दिन सिटी स्टेशन पर होनी है। यहां मुरैना थाना और स्कूल के सीन फिल्माए गए हैं। मिर्जापुर वेब सीरीज समेत छपाक फिल्म के अभिनेता विक्रांत मैसी और प्रियांशु चटर्जी ने यह शूटिंग की। फिल्म 12वीं में फेल होने वाले एक आईपीएस की जिंदगी के संघर्षों का ताना-बाना बुन रही है और युवाओं को प्रेरित करने जल्द तैयार हो रही है।
कॉलेज में थाना और स्कूल बनाया
मुन्ना भाई एमबीबीएस जैसी फिल्में बनाने वाले निर्माता-निर्देशक विधु विनोद चोपड़ा ने 21 और 22 अक्टूबर को आगरा के जीआईसी में अपनी आने वाली फिल्म की शूटिंग की है। ये फिल्म मुरैना के रहने वाले आईपीएस ऑफिसर मनोज शर्मा की जिंदगी पर बन रही है। फिल्म के लिए जीआईसी में मुरैना का बागचीन थाना और ज्ञानसागर इंटर कॉलेज का सेट लगाया गया था। अभिनेता विक्रांत मैसी और प्रियांशु चटर्जी के ऊपर सीन फिल्माए गए हैं। इसके लिए कॉलेज के एक हिस्से में थाना बनाया गया था तो, दूसरे हिस्से में स्कूल। कॉलेज में दो दिन शूटिंग की गई है। अब 27 और 28 अक्टूबर को आगरा सिटी स्टेशन पर शूटिंग की जाएगी।
एक माह पहले कॉलेज आए थे विधु विनोद
आपको बता दें कि थ्री इडियट फिल्म बनाने वाले निर्माता निर्देशक विधु विनोद चोपड़ा आगरा के राजकीय इंटर कॉलेज यानी जीआईसी में सितंबर माह में आए थे। उन्होंने कॉलेज के प्रधानाचार्य जनक सिंह से बात की थी। प्रधानाचार्य ने बताया कि विधु विनोद चोपड़ा आईपीएस की जिंदगी पर लिखी गई किताब 12वीं फेल पर फिल्म बना रहे हैं। इसके लिए उन्हें गांव की लोकेशन चाहिए। फिल्म की शूटिंग के लिए सिने स्टार और आगरा के सांसद रहे राजबब्बर ने विधु विनोद चोपड़ा को जीआईसी के बारे में बताया था। राज बब्बर ने ही उनका नंबर दिया था। विधु विनोद चोपड़ा अपनी पूरी टीम के साथ आए थे।
मुरैना जिले के आईपीएस की लाइफ पर बन रही फिल्म
आपको बता दें कि 12वीं फेल किताब मध्यप्रदेश के मुरैना जिले के रहने वाले मनोज शर्मा के ऊपर लिखी गई है। मनोज शर्मा 12वीं में फेल हो गए थे। वो हिंदी को छोड़कर सभी विषयों में फेल हो गए थे। दसवीं में भी उनकी थर्ड डिवीजन आई थी। इसके बाद भी उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और पीएससी की परीक्षा उत्तीर्ण कर 2005 में महाराष्ट्र कैडर में आईपीएस बने। उन्होंने अपनी किताब में लिखा है कि आर्थिक स्थिति अच्छी न होने के चलते उन्होंने ग्वालियर में ऑटो तक चलाया। भिखारियों के साथ फुटपाथ पर रात बितानी पड़ी।फिल्म में बताया गया है कि अधिकारी मुंबई में कार्यरत हैं और सफलता पाने के लिए आईएएस की कोचिंग में भी तैयारी करते हैं। फिल्म उनकी सफलता की कहानी बताएगी। कई लोग थोड़ी-सी असफलता से परेशान हो जाते हैं और हार मान लेते हैं। वहीं मनोज कुमार शर्मा ने 12वीं में फेल होने के बावजूद भी हिम्मत नहीं हारी और कड़ी मेहनत करके अपने सपने को पूरा किया।
इस घटना से मिली ऑफिसर बनने की प्रेरणा
एक बार ऑटो चलाने के दौरान पुलिस ने मनोज का ऑटो पकड़ लिया। उस समय मनोज ने सोचा कि एसडीएम से दरख्वास्त की जाए, तो ऑटो छुड़ाया जा सकता है। इसके लिए वे एसडीएम के पास चले गए, लेकिन वे वहां अपनी बात नहीं कह पाए। हालांकि, उन्होंने वहां से जाने से पहले यह जरूर पूछ लिया कि एसडीएम बनने के लिए तैयारी कैसे की जाती है और फिर उन्होंने मन बना लिया कि वे अब एसडीएम बनेंगे।
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कभी चलाया टेंपो, भिखारियों के साथ सोए भी
मनोज कुमार शर्मा के साथी अनुराग पाठक ने ‘ट्वेल्थ फेल, हारा वही जो लड़ा नहीं’ नामक किताब में इनके जीवन के संघर्षों की कहानी कही है। उसमें बताया गया है कि कैसे पढ़ाई के दौरान मनोज ने ग्वालियर में रहने के लिए टेंपो भी चलाया था। इस दौरान उनकी आर्थिक स्थिति इतनी खराब थी कि उनके पास रहने के लिए घर तक नहीं था और इसी वजह से उन्हें भिखारियों के साथ भी सोकर भी कई रातें गुजारनी पड़ीं। यही नहीं इनके जीवन से जुड़ा एक किस्सा यह भी है कि आय के साधन के लिए इन्होंने अमीरों के कुत्तों को घुमाने की जॉब भी की। जिसके एवज में इन्हें 400 रुपए पे किए जाते थे।
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पेट की भूख ने बनाया चपरासी
मनोज की जिंदगी में एक वक्त ऐसा भी आया था, जब मनोज के पास खाने तक के पैसे नहीं होते थे। इस मुश्किल दौर से निपटने के लिए उन्होंने एक लाइब्रेरी में चपरासी का काम करना शुरू कर दिया। इसी दौरान उन्होंने कई सारे विचारकों के बारे में पढ़ा, जिसके बाद उन्हें लगा कि एसडीएम से भी बड़ी परीक्षा की तैयारी की जा सकती है।
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गर्लफ्रेंड से कहा ‘तुम्हारी हां पे दुनिया पलट दूंगा’
मनोज को कक्षा 12वीं में ही एक लड़की से प्यार हो गया था, लेकिन वह अपने प्यार का इजहार नहीं कर पाए थे। दरअसल उन्हें डर था कि कहीं उनका एकतरफा प्यार प्रपोज करते ही खत्म न हो जाए। हालांकि, अंत में उन्होंने लड़की को यह कहते हुए प्रपोज किया कि ‘तुम हां कह दो, तो मैं पूरी दुनिया को पलट दूंगा’। बाद में यही प्रेमिका श्रद्धा उनकी पत्नी बनी। यूपीपीएससी की तैयारी के दौरान उन्हें उनकी पत्नी श्रद्धा का खूब सहयोग मिला। उनकी पत्नी श्रद्धा भी भारतीय राजस्व सेवा की अधिकारी हैं। उन्हीं की प्रेरणा से उन्हें आईपीएस ऑफिसर बनने के सपने को पूरा करने के लिए दृढ़निश्चय और आत्मविश्वास दिया। इसके बाद मनोज कुमार शर्मा ने कड़ी मेहनत की और यूपीएससी की परीक्षा में शामिल हुए। पहले तीन प्रयासों में उन्हें असफलता ही हाथ लगी, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और चौथे प्रयास में 121वीं रैंक हासिल कर आईपीएस ऑफिसर बन गए।