8 साल में तेजी से निर्माण किया गया जिससे अब मंदिर का अधिकांश हिस्सा तैयार हो चुका- पंचबालयति सहस्त्रकुट जिनालय का निर्माण 2015 से प्रारंभ किया गया था। 8 साल में तेजी से निर्माण किया गया जिससे अब मंदिर का अधिकांश हिस्सा तैयार हो चुका है। इस मंदिर को पूरा बनाने में अभी कम से कम डेढ़ साल और लगेंगे। मंदिर समिति के अनुसार सन 2024 में पंचबालयति सहस्त्रकुट जिनालय का निर्माण पूर्ण कर लिया जाएगा।
विशाल और भव्य जिनालय निर्माण के लिए अब तक डेढ़ हजार ट्राले पीले पत्थर लग चुके- मंदिर निर्माण में पीले पत्थरों का इस्तेमाल किया जा रहा है, इस प्रकार पीले पत्थरों से बनने वाला यह देश का सबसे बड़ा मंदिर होगा। पंचबालयति सहस्त्रकुट जिनालय का निर्माण 35 हजार वर्गफीट परिसर में किया जा रहा है। विशाल और भव्य जिनालय निर्माण के लिए अब तक डेढ़ हजार ट्राले पीले पत्थर लग चुके हैं। जिनालय जब पूरा बनकर तैयार होगा तब यह स्वर्णिम आभा से दमकता दिखेगा।
जिनालय निर्माण का अभी तक करीब 65 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है और इसे 2024 तक पूर्ण कर लेने का लक्ष्य- मंदिर की ऊंचाई 153 फीट की है। पंचबालयति सहस्त्रकुट जिनालय पूरे 5 मंजिला बनाया जा रहा है। जिनालय निर्माण का अभी तक करीब 65 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है और इसे 2024 तक पूर्ण कर लेने का लक्ष्य है। इसकी अनुमानित लागत 100 करोड़ रुपए बताई जा रही है।