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इस तरह हम जान सकते हैं एक दूसरे का हाल
महामारी के फैलाव, जिसमें रोजाना अपने आसपास के भड़ते आंकड़े और घर में बंद रहना कई लोगों के लिए निराशा का कारण भी बनने लगा है। हमें ये बात समझना जरूरी है कि, लोगों में बढ़ रही इस निराशा का समाधान करने की जिम्मेदारी सरकार की नहीं होगी, इसके लिए हमें खुद ही सजग होना पड़ेगा। लोगों में उत्पन्न होने वाली इस निराशा का समाधान हमें खुद ही करना होगा। सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने और लॉकडाउन का पालन करने के कारण हम किसी से मिलने जुलने तो जा नहीं सकते ऐसे में फोन के जरिये एक दूसरे से संपर्क बनाकर रखना बेहद जरूरी है। इनमें खासतौर पर मिलने जुलने वाले बुजुर्गों से हम संपर्क जरूर रखें। हमारा ये कामर्य एक-दूसरे को राहत देने में प्रभावी होगा। हालांकि, इस संवाद में हमें कुछ खास बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। आइये जानते हैं उनके बारे में….।
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इन बातों का रखें ख्याल
-आपसी हताशा कम करने के लिए हालात सामान्य हो जाने के बाद सारे परिवार या दोस्तों के एक जगह इकट्ठा होने की योजना बनाने पर बात करें। इस तरह की बातचीत सामने वाे व्यक्ति में उत्साह बढ़ाती है, इसे सामने वाले व्यक्ति की सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है, जो उसके अंदर की नकारात्मकता को नष्ट करने में कारगर है।