रानी चटर्जी भोजपुरी सिनेमा में जाना पहचाना नाम हैं। अपने नाम के हिसाब से ही उनको 'भोजपुरी सिनेमा की रानी' भी कहा जाता है। उनके नाम खासतौर से सरनेम चटर्जी से ऐसा लगता है कि वो बंगाल की बह्राण हैं लेकिन ऐसा नहीं है, वो एक मुस्लिम परिवार से आती हैं।
रानी चटर्जी को फिल्मों में पहला बड़ा मौका साल 2004 में मिला, जब उनको मनोज तिवारी के साथ फिल्म 'ससुरा बड़ा पाईसावाला' मिली। इस फिल्म के साथ साथ ही उनको नया नाम भी मिला।
'ससुरा बड़ा पाईसावाला' की शूटिंग शुरू होने तक रानी का नाम सबिहा शेख था। इस फिल्म की शूटिंग जब गोरखपुर के एक मंदिर में हो रही थी। मुस्लिम नाम से कहीं कोई आपत्ति ना कर दे, इसलिए प्रोड्यूसर ने उनसे कह दिया कि मंदिर में अपना नाम रानी बता देना।
'ससुरा बड़ा पाईसावाला' में रानी चटर्जी के किरदार का नाम रानी था। ऐसे में उनको रानी अपना नाम रानी बता देने के लिए कह दिया गया। बात सरनेम की आई तो अपनी समझ से ही प्रोड्यूसर ने चटर्जी बोल दिया।
'ससुरा बड़ा पाईसावाला' रिलीज हुई तो रानी के किरदार को खूब पसंद किया गया। सब उनको रानी ही बुलाने लगे और उनका असली नाम पीछे छूट गया।
सबिहा को अपना नाम रानी रखना फिल्मों में लकी साबित हुआ। उनको नाम के चलते इंडस्ट्री की रानी कहा जाने लगा। हालांकि उनके परिवार को ये जरूर बुरा लगा कि उनकी लड़की ने अपना असली नाम छोड़ दिया। रानी ने बताया था कि कुछ दिन तक परिवार के लोग इस बात से खफा रहे थे।
Rizwan Pundeer
रिजवान 8 साल से सक्रिय पत्रकारिता में हैं। डिजिटल जर्नलिज्म से विशेष लगाव। राजनीति, सिनेमा और क्राइम से जुड़े विषयों में विशेष रुचि।