दिए हैं।
दस महीने से प्रक्रियासब स्टेशन का निर्माण होने के बाद क्षेत्र में 33 केवी जीएसएस की संख्या 23 हो जाएगी। एक सब स्टेशन के निर्माण में तीन करोड़ की लागत आएगी। जमीन आवंटन की प्रक्रिया विधानसभा चुनाव के पहले से चल रही है। पहले आचार संहिता, बाद में निगम ने जीएसटी की राशि जमा कराने में देरी की, इसके बाद रीको ने आवंटन में विलंब किया।
लाइन लॉस होंगे कमनए सब स्टेशन का निर्माण होने से फीडर की लंबाई कम होगी। जिससे ट्रिपिंग की समस्या कम होगी। लाइन लॉस में कमी आएगी। जिस जगह बिजली आपूर्ति बंद करनी है, सिर्फ वही क्षेत्र प्रभावित होगा। औद्योगिक इकाइयों का उत्पादन बढ़ेगा, निर्बाध बिजली मिलेगी और निगम का राजस्व बढ़ेगा।
पांच साल बाद नया स्टेशनसब स्टेशन का निर्माण आरडीएसएस स्कीम के तहत होगा। इसमें केंद्र और राज्य सरकार का अंशदान रहता है। भिवाड़ी में 33 केवी का अंतिम जीएसएस मार्च 2019 में यूआईटी सेक्टर नौ में तैयार हुआ था। तब से कोई नया नहीं बना। जबकि इस अवधि में भिवाड़ी उपखंड में घरेलू, अघरेलू और औद्योगिक इकाइयों का लोड करीब 25 प्रतिशत बढ़ गया है।
मुख्यालय से जल्द ही जीएसएस निर्माण की अनुमति मिल जाएगी। रीको से जमीन आवंटन हो चुका है। इससे क्षेत्र के हजारों नए व पुराने उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी।एससी महावर, एक्सईएन, विद्युत निगम