भिंड

अटेर में चंबल नदी का जलस्तर घटा

चंबल सेंचुरी के जलीय जीवों के लिए बढ़ रहा खतरा, अटेर-जैतपुर घाट से नदी में धंसकर निकल रहे ट्रैक्टर ट्रॉलियांं

भिंडJun 21, 2018 / 06:50 pm

Gaurav Sen

अटेर में चंबल नदी का जलस्तर घटा

भिण्ड/अटेर. भीषण गर्मी व लगातार बढ़ रहे तापमान के कारण जिले की सबसे बड़ी और सदानीरा चंबल नदी का जल स्तर भी घट रहा है। अटेर में चंबल नदी के जैतपुर घाट पर इन दिनों इतना कम पानी रह गया है कि उसमें छोटे चार पहिया वाहन धंसकर आसानी से गुजर रहे हैं।
बड़ी संख्या में भूसा चारा (तूरी) और लकडिय़ों आदि से ओवरलोड लदी ट्रैक्टर ट्रॉलियांं तड़के सुबह से ही अटेर में नदी पर एकत्र हो जाती हैं, जिन्हें तमाम खतरों के बावजूद स्थानीय नाव घाट संचालक अवैध रूप से पैसे लेकर नदी के दूसरी ओर स्थित उत्तरप्रदेश के आगरा और अन्य शहरों के लिए रवाना कर देता है।
नदी में बड़े वाहनों के इस तरह धंसकर लगातार गुजरने और कोलाहल से घडिय़ालों, मगरमच्छ, कछुओं डॉल्फिनों व अन्य जलीय जीवों का जीवन संकट में पड़ गया है। हैरत की बात यह है कि इस संरक्षित नदी को बचाने तथा इसमें संभावित मानवीय दुर्घटनाओं को रोकने के लिए प्रशासन एंव अन्य जिम्मेदार एजेंसियां कोई कार्रवाई नही कर रही हैं।
नदी पर पुल न होने से हो रहा नाव परिवहन

चंबल नदी पर अटेर में वृहद पुल न होने से यहां से संक्षिप्त मार्ग से उत्तरप्रदेश के जैतपुर बाह आगरा जाने के लिए नावों से सफर करते हैं। अटेर जनपद पंचायत के द्वारा ३० जून २०१८ तक के लिए नदी पर नावघाट का ठेका दिया गया है। नाव संचालक १० रुपए प्रति यात्री के मान से लोगों को दूसरी पार तक पहुंचाते हैं। नावोंं के ही माध्यम से यात्रियों के दुपहिया वाहन, छोटा-मोटा सामान तथा भेड़ बकरियों को भी शुल्क लेकर ढोया जाता है। चारपहिया वाहनों को सीधे नदी के पानी में धंसाकर ले जाने को शासन प्रशासन ने किसी को अनुमति नहीं दी है। इसके बावजूद तमाम जोखम उठाकर नाव घाट संचालकों की सांठगांठ से ये वाहन नदी से बेरोकटोक गुजर रहे हैं।
८० करोड़ से बन रहा चंबल पर पुल

अटेर में चंबल नदी पर लगभग ८० करोड़ की लागत से एक वृहद पुल बन रहा है। १८ पिलर्स वाला यह पुल ८५० मीटर लम्बा व २३ मीटर ऊंचा बनेगा। इसकी कैरिज-वे सहित कुल चौड़ाई १२ मीटर होगी। पुल के सभी १८ पिलर लगभग पूरे होने को हैं। पुल के सुपर स्ट्रक्चर का निर्माण साथ में ही चल रहा है। जिला प्रशासन ने पुल की नई एप्रोच रोड बनाने के लिए जमीन के अधिग्रहण की कार्रवाई भी शुरू की है। दिसंबर २०१७ से बन रहे इस पुल का निर्माण अगले साल २०१९ तक पूरा होने की संभावना है। पुल बन जाने से भिण्ड से आगरा की दूरी लगभग ५० किमी तक कम हो जाएगी तथा लोगों के लिए नाव परिवहन के संभावित खतरे भी कम होजाएंगे।
अटेर के जैतपुर घाट पर केवल ३० जून तक के लिए नाव संचालन की अनुमति जनपद पंचायत द्वारा दी गई है। नदी में चार पहिया वाहन ट्रैक्टर आदि ले जाना खतरनाक है। इस संबंध में प्रशासन व पुलिस के अधिकारियों को अवगत कराया जाएगा।
सोमराजसिंह नरवरिया, अध्यक्ष जनपद पंचायत अटेर।

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