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भिंड

मध्यप्रदेश में 15 दिन में हजारों Fake कोविड वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट जारी, स्वास्थ्य विभाग में मच गया हड़कंप

Thousands of Covid Vaccination Fake Certificate issued in MP in 15 Day: मध्य प्रदेश में 15 दिन में हजारों की संख्या में फर्जी कोविड वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट जारी कर दिए गए। वो भी तब जब कोविड वैक्सीन प्रदेश में है ही नहीं। मामले के सामने आते ही स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है।

भिंडJun 05, 2023 / 03:25 pm

Sanjana Kumar

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Thousands of Covid Vaccination Fake Certificate issued in MP in 15 Day: हजारों की संख्या में फर्जी कोविड वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट जारी करने का यह मामला मध्यप्रदेश के भिंड का है। यहां चार हजार से सर्टिफिकेट जारी किए गए हैं। हैरान करने वाली बात यह है कि जिन लोगों के नाम ये सर्टिफिकेट जारी किए गए हैं, वे मध्यप्रदेश के नहीं बल्कि अन्य राज्यों के रहने वाले हैं। इनमें बिहार, पश्चिम बंगाल और पंजाब जैसे राज्यों के पासपोर्ट धारकों के नाम शामिल हैं। इस मामले का जैसे ही खुलासा हुआ, भिंड जिले से लेकर भोपाल तक का स्वास्थ्य विभाग सन्न रह गया है। अधिकारियों ने इस मामले पर चुप्पी साध ली है।

आखिर कहां से जारी हुए हैं सर्टिफिकेट
बड़ी बात यह है कि बीते 6 महीने से भिंड जिले में कोविड वैक्सीन ही उपलब्ध नहीं है। इसके बावजूद सरकारी पोर्टल को-विन पर प्रमाण पत्र जनरेट कैसे हो गए। जानकारी के अनुसार भिंड जिले के मेहगांव ब्लॉक के सोनी उप स्वास्थ्य केंद्र से बीते 15 दिन में 4000 से ज्यादा लोगों के वैक्सीनेशन के फर्जी प्रमाण पत्र को-विन पोर्टल से जारी किए गए हैं। जारी प्रमाण पत्र धारक ज्यादातर लोग पासपोर्ट धारक हैं। इन लोगों को देश से बाहर जाने के लिए वीजा के साथ वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट की जरूरत पड़ती है।

 

देश से बाहर जा चुके हैं ज्यादातर लोग
कोविड वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट पाने वाले ये ज्यादातर लोग या तो देश से बाहर जा चुके हैं या फिर जाने वाले हैं। इस कोविड वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट स्कैम के सामने आने के बाद सुरक्षा एजेंसियां भी सतर्क हो गई हैं। मामले में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से जानकारी मांगी गई है। इस पूरे मामले का खुलासा तब हुआ जब 30 मई को एक हितग्राही अपना कोविड-19 वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट लेने सीएमएचओ कार्यालय आया। जब वीसीसीएम अजय कुमार ने एडमिन आईडी से लॉगिन किया तो, पता चला कि उप स्वास्थ्य केंद्र सोनी से वैक्सीनेशन सत्र बनाकर फर्जी सर्टिफिकेट जेनरेट कर दिए गए हैं। यह मामला सामने आने के बाद सोनी उप स्वास्थ्य केंद्र की आईडी बंद कर दी गई।

 

अधिकारी हैरान, सर्टिफिकेट लेने वाले बोले ये बात
अधिकारी उस समय हैरान रह गए जब कलेक्टर के सामने आईडी बंद करने के बाद भी प्रमाण पत्र जारी किए जा रहे थे। इसके बाद सोनी उप स्वास्थ्य केंद्र की आईडी को डीएक्टिवेट कर दिया गया। मामला सामने आने के बाद वैक्सीनेशन प्रमाण पत्र हासिल करने वाले लोगों से फोन पर बात की गई। उन्होंने अनभिज्ञता जताते हुए कहा कि उन्हें नहीं पता कोविड-वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट कहां से जारी हुए। उन्होंने बताया कि उनके एजेंट ने ही उन्हें सर्टिफिकेट उपलब्ध करवाए हैं। मामला सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग के सभी अधिकारियों ने चुप्पी साध ली है।

कलेक्टर ने साइबर सेल को सौंपी जांच
भिंड के कलेक्टर सतीश कुमार एस ने कोविड-सर्टिफिकेट स्कैम की जांच साइबर सेल को सौंप दी है। कलेक्टर इस मामले में तकनीकी खामियों का लाभ उठाते हुए स्कैम होने की बात कर रहे हैं। वहीं उनका कहना है कि मामले की जांच कराई जा रही है, यदि इस मामले में स्वास्थ्य विभाग का कोई भी अधिकारी-कर्मचारी दोषी पाया जाता है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

जानें ये भी
– भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के मुताबिक मध्यप्रदेश में अब तक 220, 67,13,251 लोगों का वैक्सीनेशन किया जा चुका है।

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